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Jaipur सामूहिक तीर्थयात्रा बढ़ा रही मेलजोल, सुरक्षा के साथ ही कम खर्च में आसान हो रहा सफर

 
Jaipur सामूहिक तीर्थयात्रा बढ़ा रही मेलजोल, सुरक्षा के साथ ही कम खर्च में आसान हो रहा सफर
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर  एक दौर में परिवार और मित्रों के साथ ही धार्मिक यात्रा करने वाले शहरवासियों की पसंद में बदलाव आया है। अब वे समूह में तीर्थाटन करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों का भ्रमण कर रहे हैं। अलग-अलग समाजों, संस्थाओं तथा संगठनों की ओर से तीर्थयात्राएं कराने से हाल के कुछ महीनों में राजधानी में धार्मिक यात्रा का चलन भी बढ़ा है। जानकारों के अनुसार समूह में जाने से खर्च में कमी के साथ ही यात्रा में भी आसानी रहती है। कई संगठनों की ओर से स्पेशल ट्रेन और बस के साथ ही ट्रेन में कोच भी बुक कराए जा रहे हैं।

बाबा श्याम सेवा मंडल, सालासर भक्त मंडल, श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति, भोले की सेवा मंडल सहित शहर की श्यामसेवी संस्थाओं की ओर से खाटूश्यामजी, सालासर, नाथद्वारा, जगन्नाथपुरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा, वृंदावन, रामेश्वरम, मुक्तिधाम नेपाल, द्वारका, अयोध्या, उज्जैन महाकाल सहित अन्य ज्योर्तिलिंगों की यात्रा समूह में आयोजित कराई जा रही है। हर माह बस-ट्रेन से जयपुर से 30 हजार से अधिक लोग इन जगहों पर पहुंच रहे हैं।जैन समाज के संगठनों की ओर से जैन तीर्थ सम्मेदशिखर के अलावा कुंडलपुर की यात्रा कराई जा रही है। यात्रा के लिए आगामी दिनों में ट्रेनों में बुकिंग भी करवाई गई है।श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति के रामबाबू झालानी व शंकर ने बताया कि समूह में होने वाली यात्रा का खर्च व्यक्तिगत यात्रा की तुलना में कम आता है। 45 से 70 वर्ष की आयु के लोग समूह में तीर्थयात्रा को वरीयता दे रहे हैं।

भामाशाह कर रहे सहयोग, एडवांस बुकिंग

सिंधी कैंप स्थित एक बस कंपनी के संचालक श्रीनाथ शर्मा ने बताया कि बुजुर्गों के अलावा आईटी कंपनियों में कार्यरत युवा समूह में अयोध्या, मथुरा, काशी, हरिद्वार, बद्रीनाथ, वैष्णोदेवी, सोमनाथ, द्वारकाधीश अमृतसर व खाटूश्याम की यात्रा पर जा रहे हैं। हर महीने करीब 15 से 20 हजार लोग बस-ट्रेन से तीर्थ यात्रा कर रहे हैं। आपसी सहभागिता के साथ ही सामाजिक संगठनों तथा भामाशाह की ओर से भी बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराई जा रही है।

शहर के कई मंदिर भी करवा रहे यात्रा

अक्षयपात्र व इस्कॉन मंदिर सहित शहर के कई मंदिरों की ओर से भी वृंदावन सहित अन्य जगहों की समूह में तीर्थयात्रा करवाई जा रही है। इन यात्राओं में श्रद्धालु भजन, कीर्तन के साथ ही प्रभु का स्मरण करते हुए जाते हैं। सहयात्रियों से संवाद यात्रा को और आसान बना देता है। इस वजह से उन्हें एकाकीपन का अनुभव नहीं होता। व्यक्तिगत रूप से तीर्थयात्रा में टिकट, रिजर्वेशन, ट्रेनों की लेटलतीफी आदि दिक्कतों का चलते काफी समय बर्बाद होता है।