Jaipur 30 दिन में पट्टा करना होगा जारी, देरी करने वालों पर कार्रवाई
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हैरिटेज सेल: नहीं कर रही सही काम
विश्व विरासत सूची में शामिल राजधानी के परकोटा क्षेत्र को बचाने के लिए हैरिटेज नगर निगम में हैरिटेज सेल गठित की गई, लेकिन यह सही तरह से काम नहीं कर रही है। सेल में नौ लोगों की जरूरत है, लेकिन यहां काम के लिए पांच लोग भी नहीं है। यहां निर्माण स्वीकृति जोन उपायुक्त अपने स्तर पर ही जारी कर रहे हैं और निर्माण कार्य में मनमानी हो रही है।
ऐसे होगा काम
निर्माण स्वीकृति से संबंधित कागजातों की फाइल तैयार कर जोन उपायुक्त को देनी होगी। जोन उपायुक्त जेईएन (बिल्डिंग) को मौका निरीक्षण के लिए फाइल भेजेगा। एक दिन में मौका निरीक्षण होगा। फिर उपायुक्त भूखंड स्वामित्व से लेकर पट्टा होने और न होने की जांच करवाएगा। इसके लिए दो दिन का समय निर्धारित किया गया है।
सिटी सर्वे रिकॉर्ड के आधार पर सहायक नगर नियोजक भूखंड के स्वामित्व की जांच कर फाइल जोन उपायुक्त को भेजेंगे।
इसके बाद फाइल डीसी जोन के एटीपी को भेजेंगे और उसके बाद वापस डीसी के पास फाइल आएगी। जोन डीसी फाइल को हैरिटेज सेल में भेजेंगे।
हैरिटेज सेल तकनीकी परीक्षण करवाएगी। पांच दिन के अंदर बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप स्वीकृति जारी की जाएगी।
इसके बाद फीस की गणना होगी। उपायुक्त निर्माण स्वीकृति पत्र जारी करेंगे और उसके बाद भूखंडधारी को अनुमति दे दी जाएगी।