Jaipur कार्तिक मास आज से शुरू, महीने भर होगा पवित्र स्नान, वीडियो में देखें मोती डूंगरी मंदिर का इतिहास
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर दान-पुण्य, भजन-कीर्तन, दीपदान और पवित्र स्नान के साथ ही भगवान विष्णु की आराधना के लिए 12 महीनों में सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले कार्तिक मास की शुरुआत शुक्रवार से होगी। गलता सहित अन्य तीर्थ स्थलों में तड़के तारों की छांव में महिलाएं कार्तिक माह के निमित्त पवित्र स्नान करेंगी। गोविंददेव जी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह मंगल आरती में शामिल होंगी। ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि पदमपुराण और स्कंदपुराण में कार्तिक स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। पुराणों के मुताबिक इस मास को धर्म, अर्थ और मोक्षदायी माना है। आगामी 15 नवंबर तक बड़े प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। खरीदारी के लिए दिवाली तक रोजाना कई योग रहेंगे। शास्त्रानुसार इस महीने में महिलाएं भूमि पर शयन करने के साथ ही तुलसी की परिक्रमा, दीपदान और पूजा करेंगी। तुलसी पूजा का सीधा संबंध माता लक्ष्मी से है।
ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि इस मास में ही भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं। मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा से व्यक्ति को समृद्धि मिलती है। साथ ही गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। नदी-तालाब किनारे दीपदान करना चाहिए। भगवान के खान पान के साथ ही आमजन के जीवनशैली में भी परिवर्तन होगा।
सूर्य ग्रह रहेगा तुला राशि में विराजमान
कार्तिक मास में सूर्य तुला राशि में विराजमान रहता है। सूर्योदय से पूर्व स्नान और देव दर्शन का विशेष महत्व है। शास्त्रों में उल्लेख है 24 घंटे में गोपीनाथ जी, गोविंददेव जी, राधादामोदर के अलावा करौली के मदन मोहन जी मंदिर में दर्शन कर पुन:गोविंददेव जी मंदिर में दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कदंब के पेड नीचे दीपदान का विशेष महत्व है। कार्तिक महात्य की कथा का श्रवण किया जाएगा। ब्रह्माजी ने नारदजी को कार्तिक मास की महिमा बताते हुए कहा था कि वर्ष के सभी महीनों में कार्तिक, देवताओं में भगवान विष्णु और तीर्थों में नारायण तीर्थ (बद्रिकाश्रम)श्रेष्ठ है।