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Jaipur जेके लोन में दुर्लभ बीमारियों के लिए ओपीडी खुलेगी, मरीजों को राहत

 
Jaipur जेके लोन में दुर्लभ बीमारियों के लिए ओपीडी खुलेगी, मरीजों को राहत 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के लिए न सिर्फ निदान बल्कि बीमारी की पहचान भी आसान होगी। जेके लोन में दुर्लभ बीमारियों के लिए ओपीडी भी खोली जाएगी। लक्षणों और जांच के आधार पर बीमारी की पहचान कर उसका इलाज किया जा सकेगा।इसके लिए मेडिकल जेनेटिक्स के लिए देश की नामी संस्थाओं से समझौता किया जाएगा। प्रदेश के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल जेके लोन में भजनलाल सरकार ने बजट में दुर्लभ बीमारियों के निदान और इलाज के लिए 22 करोड़ की लागत से मेडिकल जेनेटिक्स का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की घोषणा की है। एम्स जोधपुर के बाद जयपुर दूसरा सबसे बड़ा सेंटर होगा।जांच के बाद दुर्लभ बीमारियों की पहचान की जा सकेगी। परिवार में इसे फैलने से रोकने के लिए आधुनिक जेनेटिक्स मशीनें खरीदी जाएंगी। नामी जेनेटिक्स संस्थाओं से भी समझौता किया जाएगा। ये है खास: जेके लोन में दुर्लभ बीमारियों का आउटडोर खुलने से दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। जांच के लिए आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। जिससे बीमारी की पहचान और इलाज में आसानी होगी।

जेके लोन में ही नवंबर 2022 से सितंबर 2023 तक यानी 11 महीने में दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित 679 मरीज आ चुके हैं।

इन बीमारियों में ऑरोफेशियल डिजिटल और वर्नर सिंड्रोम, होल्ट ओरम सिंड्रोम, डिजॉर्ज एनोमली, विलियम्स सिंड्रोम, हाइपोहाइपरटेंसिव एक्टोडर्मल डिस्प्लेसिया, मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया, एपर्ट सिंड्रोम, टाउन ब्राक सिंड्रोम, एकोंड्रोप्लासिया, साइक्लोपिया, सिरेनोमेलिया, एमपीएस-1, 2, 3, 9, फीटल वेलोप्रेट सिंड्रोम, डिफैलिया, पियरे रॉबिन सिंड्रोम, कॉर्नेलिया डिलांगे सिंड्रोम, एनेनसेफली, क्लेडोक्रेनियल डिस्प्लेसिया, प्रून बेली सिंड्रोम, कोलोडियन बेबी, क्रूजन सिंड्रोम, एडिसन रोग, बायोटिन की कमी, ट्रेचर कोलिन्स सिंड्रोम, लैगरहैंस सेल हिस्टियोसाइटोसिस, एमरी डारफस मस्कुलर डिस्ट्रॉफी-2, ऑटोसोमल डोमिनेंट, मार्फन सिंड्रोम आदि शामिल हैं। जयपुर समेत प्रदेशभर में पोम्पे डिजीज, स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी गंभीर बीमारियों के मामले ज्यादा हैं।