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Jaipur इंट्रा ऑपरेटिव मॉनिटरिंग से बीमारी की पहचान कर मिर्गी के इलाज में राहत

 
Jaipur इंट्रा ऑपरेटिव मॉनिटरिंग से बीमारी की पहचान कर मिर्गी के इलाज में राहत
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर मिर्गी के दौरों से पांच साल से पीड़ित एक किशोरी को महात्मा गांधी अस्पताल में न्यूरोसर्जरी की ऑपरेशन कर इलाज किया है। न्यूरो साइंसेज विभाग के निदेशक डॉ.बीएस शर्मा ने बताया कि मिर्गी के अधिकांश रोगियों में दवाओं से दौरों को नियंत्रित किया जा सकता है। दवाएं कारगर नहीं होती उनमें ऑपरेशन के जरिए मस्तिष्क तंत्रिकाओं की खराबी को दूर किया जाता है। इंट्रा ऑपरेटिव ईईजी के जरिए बीमारी की केंद्र सर्जरी कर भी इस बीमारी से राहत मिल सकती है।

पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट डा अजय गोयनका ने बताया कि मिर्गी प्रभावित बच्चों में दौरे आने पर चोट लगने, याददाश्त में कमी तथा पढ़ाई आदि भी प्रभावित होती है। इस बच्ची में ईईजी, एम आर आई, पैट स्कैन और न्यूरो साइकोलॉजिकल एसेसमेंट के जरिए बीमारी के केंद्र की पहचान कर एपिलेप्सी सर्जरी की हुई। एमेरिटस चेयरमैन डा एम एल स्वर्णकार ने बताया कि यह जटिल ऑपरेशन चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में जा रहे हैं। विभागाध्यक्ष डॉ आर के सुरेका ने बताया कि उपचारित किशोरी को जागरूकता कार्यक्रम में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ.अमित अग्रवाल, डॉ.गौरव गोयल व डॉ. बलवीन सिंह भी मौजूद रहे।

500 बच्चों को कृमि से बचाव की दवाई पिलाई

विश्व कृमि दिवस के मौके पर शहर के डॉक्टर सामाजिक सरोकार के तहत शहर की कच्ची बस्ती में जाकर बच्चों को कृमि की दवा पिलाई गई। डॉक्टर वैलफेयर सोसायटी की ओर से कठपुतली नगर कच्ची बस्ती में विश्व कृमि दिवस के अवसर पर यह सामाजिक सरोकार शहर के डॉक्टर्स ने किया। डॉक्टर वेलफेयर सोसायटी के चेयरमैन डॉ. शिवराज राठौड़ ने बताया कि कृमि की दवाईयां, एनर्जी ड्रिंक, पानी की बॉटल सहित ज़रूरी चीज़े कच्ची बस्ती के बच्चों को बांटी गई। इस मौके पर डॉक्टर्स के साथ , वॉलेंटियर्स और मेडिकल टीम भी इस मिशन में साथ रही। 500 से अधिक 3 से 8 साल के बच्चों को कृमि से बचने को दवाई पिलाई गई ।