Jaipur इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी टावर की सौगात फाइलों में घूम रही
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर शास्त्री नगर स्थित श्वसन रोग संस्थान में इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी टावर की सौगात अभी भी फाइलों में ही टेबल पर घूम रही है। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी धरातल पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है। श्वसन रोग संस्थान में जयपुर और आसपास के जिलों, साथ ही दूसरे राज्यों से भी टीबी और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां मरीजों की संया बढ़ रही, लेकिन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। मरीजों को जांचों के लिए भी एसएमएस अस्पताल जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने पिछले साल अगस्त में 50 करोड़ रुपए की लागत से इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी टावर के निर्माण की स्वीकृति दी थी।इस टावर में इमरजेंसी, ओपीडी सेवाएं विकसित करने, अस्पताल को अपग्रेड करने और अन्य विकास कार्य किए जाने थे, लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि, यह चार मंजिला टावर अस्पताल के मौजूदा प्रशासनिक ब्लॉक और वार्डों के पीछे खाली भूभाग पर बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद मरीजों को जांच, दवा और इलाज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। एक ही छत के नीचे उन्हें पूरा इलाज मिल सकेगा। इसमें श्वसन रोग से संबंधित इलाज के लिए हाई प्रोसीजर कक्ष और 30 बेड का आइसीयू बनाया जाएगा। टीबी के मरीजों का परिसर अलग रहेगा।टावर का नक्शा और डिजाइन तैयार हो चुके हैं। आचार संहिता के कारण बजट अटक गया था। पीडब्ल्यूडी विभाग इसे बनाएगा। संभवत: काम जल्द शुरू हो जाएगा।