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Jaipur हाईकोर्ट ने शराब दुकानों के लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश किया रद्द

 
Jaipur हाईकोर्ट ने शराब दुकानों के लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश किया रद्द

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर  हाईकोर्ट ने आबकारी विभाग के शराब की दुकानों का लाइसेंस तीन माह के लिए रिन्यू करने का आदेश रद्द कर दिया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने आज कृष्णा शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने विभाग के आदेश को रद्द कर दिया है। वहीं विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह लाइसेंसी दुकानदारों की अमानत राशि (सिक्योरिटी) 4 सप्ताह में लौटाएं। चार सप्ताह में राशि नहीं लौटाने पर 6 प्रतिशत ब्याज की दर से यह राशि लौटानी होगी। दरअसल, आबकारी विभाग ने आचार संहिता का हवाला देकर 13 मार्च को शराब की दुकानों (जिन दुकानों की वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बोली नहीं लगी थी।) का लाइसेंस तीन माह के लिए रिन्यू कर दिया था। जिसे बड़ी संख्या में लाइसेंसी दुकानदारों ने कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। लेकिन अब कोर्ट ने विभाग के आदेश को ही रद्द कर दिया हैं।

याचिकाकर्ताओं का कहना- विभाग नहीं थोप सकता आदेश

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि लाइसेंसी की मर्जी के बिना विभाग इस तरह से उन पर आदेश नहीं थोप सकता है। मामले से जुड़े वकील अचिंत्य कौशिक ने बताया कि विभाग ने इन दुकानों की 4 बार बोली लगवाई, लेकिन किसी ने भी दुकान नीलामी में नहीं ली। इसके बाद विभाग ने 13 मार्च को आचार संहिता का हवाला देकर आदेश निकाल दिया कि जिन दुकानों का लाइसेंस 31 मार्च 2024 को खत्म हो रहा है। उन दुकानों का लाइसेंस 3 महीने के लिए रिन्यू किया जाता है। इस बारे में दुकानदारों से किसी भी तरह की बातचीत नहीं की गई, जबकि याचिकाकर्ता दुकान को लाइसेंस अवधि के बाद चलाने के इच्छुक नहीं थे।

प्रदेश में 41 प्रतिशत दुकानों की नहीं हुई नीलामी

इस मामलें में सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा था कि प्रदेश में शराब की करीब 7 हजार 667 दुकानें है। इसमें से 41 प्रतिशत दुकानों की अगले वित्त वर्ष के लिए नीलामी नहीं हो सकी है। फिलहाल प्रदेश में आचार संहिता लागू है, ऐसे में फिर से दुकानों की नीलामी नहीं की जा सकती है।  इसको देखते हुए सरकार ने पुराने लाइसेंसी दुकानदारों का लाइसेंस तीन महीने के लिए रिन्यू किया है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर नए वित्त वर्ष में करीब 41 प्रतिशत दुकानें बंद हो जाएगी। इससे सरकार को राजस्व का तो नुकसान होगा ही। साथ ही गैर कानूनी और अनाधिकृत शराब की बिक्री बढ़ने की भी आशंका है। सरकार ने कहा कि लाइसेंसी सरकार के दिशा निर्देश मानने के लिए बाध्य हैं। लेकिन कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज़ करते हुए विभाग के आदेश को रद्द कर दिया है।