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Jaipur कूड़े में व्यवस्था, दोनों निगम दे रहे हेल्परों का पैसा, लोग डाल रहे कूड़ा

 
Jaipur कूड़े में व्यवस्था, दोनों निगम दे रहे हेल्परों का पैसा, लोग डाल रहे कूड़ा
जयपुर न्यूज़ डेस्क , जयपुर  राजधानी के दोनों नगर निगमों ने घर-घर कचरा संग्रहण की व्यवस्था शुरू की है, जिसमें कचरा उठाने के लिए हेल्पर की भी नियुक्ति की गई है। इसके लिए निगम कंपनियों को हेल्परों का भुगतान भी कर रहा है। लेकिन, इसके बावजूद अधिकांश हूपरों पर हेल्पर की कमी देखी जा रही है। परिणामस्वरूप, जब हूपर कॉलोनी में आता है, तो लोग खुद ही घर से कचरा हूपर में डालने लगते हैं। अनुमान के मुताबिक, दोनों शहरी सरकारें हर माह हेल्पर के लिए लगभग 25 लाख रुपए खर्च कर रही हैं।हैरिटेज निगम में बिना हेल्पर के हूपर आने के बाद लोग डाल रहे खुद ही कचरा

हर जगह एक जैसा संकट

टीम ने दो दिन तक शहर के कई वार्डों का दौरा किया और हूपर पर हेल्पर की स्थिति जानी। झोटवाड़ा जोन के कई वार्डों में हेल्पर नजर नहीं आए। विद्याधर नगर में जहां पार्षद सक्रिय थे, वहां हेल्पर जरूर दिखे। वहीं, मुरलीपुरा के कुछ हूपरों पर हेल्पर काम करते हुए दिखाई दिए, लेकिन कुछ हेल्पर कचरा बीनते हुए भी नजर आए। हैरिटेज नगर निगम के किशनपोल और आदर्श नगर के वार्डों में भी हेल्पर का कोई अता-पता नहीं था। सिविल लाइन्स जैसे वीआइपी क्षेत्रों में हेल्पर कचरा उठाते हुए दिखे।

हमें भेजें शिकायत: क्या आपके घर हूपर नियमित रूप से आता है? क्या हूपर पर हेल्पर मौजूद रहते हैं? क्या आप खुद कचरा डालते हैं या हेल्पर कचरा लेकर जाता है? अपनी समस्या को लेकर नाम, कॉलोनी का नाम, वार्ड संया और समस्या को लिखकर वाट्सएप पर भेजें: 9694577735

कचरा उठाने के बजाय बीनते हैं सामान

कई हूपरों में हेल्पर तो दिखे, लेकिन वे कचरा उठाने की बजाय उसमें से उपयोगी सामान जैसे दूध के खाली रैपर, गत्ता, कांच की बोतल आदि निकालने में व्यस्त रहे। हैरिटेज नगर निगम में दो और ग्रेटर नगर निगम में चार कंपनियां घर-घर से कचरा उठाने का काम कर रही हैं।

निगमों के दावे और हकीकत

ग्रेटर नगर निगम के गैराज शाखा के अधिकारियों का कहना है कि हूपर रवाना होने से पहले स्वास्थ्य निरीक्षक की निगरानी होती है। इसके बाद, जब गाड़ी खाली होती है, तो हेल्पर का साथ रखना अनिवार्य हो