Jaipur गंदगी में पकाया जा रहा था खाना, जाँच में फफूंद लगे मिले खीरे, नींबू
यहां काफी अधिक गंदगी मिली और आटे को जिन बर्तनों में गूंदा जा रहा था, वह भी टूटे हुए और प्लास्टिक के थे। खाना बिना ढके रखा था और स्टाफ का ट्रेनिंग रिकॉर्ड भी नहीं मिला। इसके अलावा रामगंज के ही मैसर्स गरीब नवाज रेस्टोरेंट में भी स्टाफ का मेडिकल रिकार्ड नहीं था और किसी भी तरह का हाइजीन सिस्टम डवलप नहीं था। इन दोनों जगहों से खाद्य पदार्थों का नमूना लिया गया। साथ ही टीम जयपुर घी हाउस पहुंची। यहां भी क्वालिटी को लेकर संशय होने पर जांच का नमूना लिया गया। कार्रवाई में रतन गोदारा, राजेश कुमार, पवन गुप्ता, नरेन्द्र शर्मा व लोकेश शर्मा थे।
घटिया क्वालिटी की सब्जी
होटलों में घटिया क्वालिटी की सब्जी काम में ली जा रही थी। कई नींबू तो पूरी तरह सड़ चुके थे और प्याज और खीरा काफी अधिक कटी हुई मात्रा में रखा था। टीम दोपहर में पहुंची लेकिन यह होटल खाली था। यानि कि यह सलाद शाम तक काम में लिया जाना था। पंकज ओझा ने कहा कि लोगों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए और कहीं भी खाना खाने से पहले साफ-सफाई और खाने की क्वालिटी का पता करें। गर्मी के मौसम में खाना जल्दी खराब होता है और फूड पाइजनिंग का डर बना रहता है। साथ ही सभी रेस्टोरेंट, होटल और अन्य खाद्य पदार्थ देने वालों को निर्देश दिए गए है कि साफ-सफाई, हाइजेनिक का विशेष ध्यान रखें। यदि किसी की भी वजह से लोगों की सेहत से खिलवाड़ हुआ या वे बीमार हुए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।