Jaipur तीनों सीटों पर जनता ने बना लिया मानस, पहली बार वोट देने वाले वोटर में भी उत्साह
जयपुर न्यूज़ डेस्क , विधानसभा चुनाव में 25 तारीख को मतदान होने में करीब 4 दिन बचे हैं लेकिन जोधपुर के समंदर में ठंडक है. जोधपुर के सरदारपुरा, सूरसागर और शहरी विधानसभा क्षेत्रों में रंग फीका नजर आ रहा है. चुनाव से चार दिन पहले माहौल ठंडा था, लोग चुप थे लेकिन मन बना चुके थे कि किसे वोट देना है.यहां पहली बार वोट करने वाले युवा भी इस बार वोट देने के लिए उत्साहित हैं. ट्रस्ट की बात करें तो वे सुबह-शाम जनता से मिल रहे हैं। पूरे दिन समुद्र की शांति उत्साह को भी ठंडा करती नजर आती है। जोधपुर जिले और सीमावर्ती ढांचों के लिए तो स्टार प्रचारक आ ही रहे हैं लेकिन जोधपुर के तीन जिलों की सीटों पर वे अपने प्रचार की कमान संभाले हुए हैं.
जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विधानसभा क्षेत्र के लिए बीजेपी की सदस्यता ले ली है, वहीं कांग्रेस पार्टी खुद प्रचार में जुट गई है. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक अशोक ने अपने नामांकन के बाद बैठक में और अब मतदान से पहले भी कंपनी के जोधपुर दौरे का प्रस्ताव रखा है. आने वाले चार दिनों में कुछ प्रमोशन को लेकर दोनों समान प्रयास कर सकते हैं। कुल 7 लाख 45 हजार 337 मतदाताजोधपुर जिले में 7 लाख 45 हजार 337 मतदाता हैं. इस बार वेटर ने तय कर लिया है कि किस चिंता को जीतना है। यहां परंपरा भी प्रचलित है, ऐसे में लोगों ने मन बना लिया है कि तीन सीटों में से एक सीट पर कांग्रेस और दो पर बीजेपी को जीत दिलानी है. यहां लोग डबल इंजन की सरकार चाहते हैं ताकि जोधपुर में भी विकास हो सके और कुछ लोग सरकार को रिपीट करना चाहते हैं. बातें कह रहे हैं. किसी को भी प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिल रहा है। कुल मिलाकर सरकार किसकी बनेगी, इसे लेकर सबकी अपनी-अपनी राय है.
जोधपुर का सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र राजस्थान की हॉट सीटों में से एक है. क्योंकि यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विधानसभा क्षेत्र है. कांग्रेस ने मन बना लिया है कि यहां वोटरों में हेराफेरी नहीं होने दी जाएगी क्योंकि पिछले 25 साल से यहां उसके समर्थक जीतते आए हैं. इधर बीजेपी भी मानती है कि गोल के किले में सेंध नहीं लगाई जा सकती, इसलिए इस विधानसभा क्षेत्र के महल मस्त नजर आ रहे हैं.इस विधानसभा क्षेत्र में चाय का प्रमुख पड़ाव तारघर क्षेत्र है. यहां हर दूसरी दुकान पर चाय की दुकानें हैं, जहां चाय वाले पति-पत्नी ढूंढे जाते हैं लेकिन नेपोलियन के महल में नहीं दिखे। लोग चाय की चुस्की के साथ पकौड़े का आनंद ले रहे थे. चुनाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने तय कर लिया है कि किसे वोट देना है.
यहां कुछ लोग चर्चा कर रहे थे तभी उन्होंने कहा कि वे मोदी के पक्ष में हैं तो रेलवे से जुड़े संगठनों ने कहा कि अगर हमें डबल इंजन की सरकार चाहिए तो जो विकास केंद्र में हो रहा है वह राजस्थान में भी होना चाहिए. जुगल टीन का कहना है कि मोदी ही आएंगे, हम जिज्ञासु को नहीं देख रहे हैं, हमें तो मोदी ही दिख रहे हैं। शहरी क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के फुटबॉल कार्यालयों में दिन में शांति रहती है. शहर के कुछ मतदाताओं का कहना है कि दोनों शेयरों में कड़ी प्रतिस्पर्धा है. यहां कांग्रेस से मनीषा और बीजेपी से अतुलनीय उदाहरण सामने आता है. यहां पिंक चॉकलेट में शेयरधारकों की भीड़ है लेकिन भीड़ में भी कोई चर्चा नहीं है. शहर का हटैया भी शांत है. सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने युवा चेहरों पर दांव खेला है, लेकिन जब हमने यहां युवाओं से बात की तो उन्होंने कहा कि हम उन्हें वोट देंगे, वे जो चाहेंगे उनके हित में काम करेंगे. युवाओं ने जब वहां मौजूद मजदूरों से कहा तो उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस को ही वोट देंगे, हमारी दोस्ती अच्छी है और कांग्रेस ही आएगी. बोरबो का मुख्य कार्यालय यहां चौपासनी रोड पर नयन की बगेची के पास है। दोनों दर्शनीय स्थलों के बाहर साँचा तो मिला लेकिन निर्बाध किनारा नहीं था। भाजपा के शुभचिंतक देवेन्द्र जोशी भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। सूरसागर विधानसभा सीट 15 साल पहले बीजेपी के पास थी, अब बीजेपी ने पूर्व जिला अध्यक्ष देवेन्द्र जोशी को अपना उम्मीदवार बनाया है.