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Jaipur परीक्षा की घड़ी दहशत के बीच गुजरी, बम की खबर से हड़कंप

 
Jaipur परीक्षा की घड़ी दहशत के बीच गुजरी, बम की खबर से हड़कंप 
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर  स्कूलों को बम से दहलाने की धमकी से घर-घर में बच्चों की चिंता सताने लगी थी। स्कूलों में हड़कंप मच गया। एक के बाद एक नए स्कूलों के नाम सामने आने लगे। बच्चों की फिक्र में अभिभावक स्कूलों की ओर दौड़े। इस बीच शहर के कुछ स्कूल ऐसे भी थे, जिनमें परीक्षाएं चल रही थी। ऐसे में उन स्कूलों की छुट्टी नहीं हो सकी। नजारा ऐसा था कि एक ओर अभिभावक स्कूलों के बाहर बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे थे तो बच्चे दहशत के बीच कड़े इम्तिहान से गुजर रहे थे। स्कूल में ही पुलिस, कमांडो और बम निरोधक दस्ते सर्च अभियान में जुटे थे। इस दौरान अभिभावकों की जान सांसत में थी।

परीक्षा शुरू हो गई थी। अचानक स्कूल का माहौल बदल गया। पुलिस आ गई। कमांडो दिखने लगे। हम सब डर गए लेकिन हमें कुछ बताया नहीं। एक बार तो हमारी कक्षा शिफ्ट करने की तैयारी थी लेकिन हमें जल्दी परीक्षा देने के लिए कहा गया। बाहर आकर पता लगा कि स्कूल में बम होने की खबर है। स्कूल में आने के बाद ही पता लगा कि कोई धमकी भरा ई-मेल आया है। हमारी परीक्षा जल्दी लेने के लिए कहा गया। हम डर गए। बस परीक्षा देकर जल्दी घर जाने का मन कर रहा था। बाहर आकर देखा तो पेरेंट्स खड़े थे। पापा ने दौड़कर मुझे गले लगा लिया।

परीक्षा के बीच अचानक टीचर आकर बोलीं, ‘बच्चों डरने की जरूरत नहीं। जल्दी अपना एग्जाम पूरा करो। इसके बाद आपकी छुट्टी हो जाएगी।’ हम समझ नहीं पा रहे थे, स्कूल में अचानक ऐसा क्या हो गया। स्कूल में पुुलिस देखकर हम घबराने लगे। अच्छे से एग्जाम भी नहीं दे पाए।

अगर सचमुच कुछ हो जाता तो 

मेरा हिस्ट्री का पेपर था लेकिन हमें स्कूल ने इस बात की भनक नहीं लगने दी कि कुछ हो रहा है। बाद में पता चला कि मेरी मम्मी स्कूल कॉर्डिनेटर को लगातार फोन किए जा रही थीं। जब तक मैं पेपर देकर निकली, तब तक मम्मी स्कूल पहुंच चुकी थीं। मुझे डर लगा, अगर सचमुच कुछ हो जाता तो क्या होता।  इधर, अधिकतर स्कूलों में सोमवार अलसुबह साढ़े तीन बजे से चार बजे तक दहला देने वाले ई-मेल पहुंचे थे। ऐसे में जिन स्कूलों में परीक्षा थी, वहां भी सुबह ई-मेल का पता लग गया। इतना ही नहीं, पुलिस को सूचना दे दी गई लेकिन हैरानी की बात है कि समय से सूचना लगने के बाद भी स्कूलों ने टर्म एग्जाम लेना जरूरी समझा। अभिभावकों ने भी इसका विरोध किया लेकिन स्कूल नहीं माने।