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Jaipur आमेर में महंगी होगी हाथी की सवारी, 1900 रुपए तक दाम

 
Jaipur आमेर में महंगी होगी हाथी की सवारी, 1900 रुपए तक दाम

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर दरअसल, हाथी मालिकों का कहना है कि 12 साल से रेट नहीं बढ़े हैं। हाथी की सवारी के रेट को लेकर बुधवार को पुरातत्व निदेशालय में हाथी मालिकों के साथ बैठक आयोजित की गई। इसमें हाथी गांव विकास समिति के प्रतिनिधि भी शामिल थे।हाथी मालिकों का कहना था कि हाथियों पर खर्च प्रतिदिन बढ़ रहा है। बैठक में हाथी मालिकों ने सवारी के रेट 1100 रुपए से बढ़ाने और मालिकों को 2500 रुपए देने की मांग रखी है।

नौ महीने पहले हुई थी घोषणा, हर दिन बढ़ रहा है खर्च

9 महीने पहले आमेर महल और हाथी गांव में हाथी की सवारी के रेट बढ़ा दिए गए थे। इस दौरान तय हुआ था कि दो लोगों को सवारी के 3500 रुपए देने होंगे। यह निर्णय पुरातत्व विभाग ने लिया था। लेकिन, अचानक बढ़े रेट का टूर ऑपरेटर्स ने विरोध किया। इनका कहना था कि अचानक रेट बढ़ने से टूरिस्ट को परेशान होना पड़ेगा। ऐसे में इन आदेशों को रोक दिया गया। इधर, अब दोबारा हाथी की सवारी के रेट बढ़ाने को लेकर बैठक हुई है। हाथी मालिकों का कहना है कि हर दिन खर्च बढ़ता जा रहा है। अभी 1100 रुपए मिल रहे हैं। इसमें से 850 रुपए हाथी के मालिक के पास आते हैं।

हाथी गांव में 75 हाथी, औसत 4 हजार रुपए रोज का खर्च

हाथी गांव विकास समिति के अध्यक्ष शफीक खान बल्लू ने बताया कि बैठक में हमने हाथी मालिकों को 2500 रुपए देने का कहा है। यहां अभी करीब 75 हाथी हैं। सर्दी के समय हाथी 4 से 5 राउंड करते हैं, जबकि गर्मी में दो राउंड। वर्तमान में प्रतिदिन एक हाथी पर चार हजार रुपए का खर्च आ रहा है। इस समय 1200 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना आ रहा है। औसतन तीन क्विंटल गन्ना हाथी खाता है। इसके अलावा सूखी ज्वार, च्यवनप्राश और रोटी भी इनकी डाइट में शामिल है। हालांकि एक सवारी के कितने रुपए बढ़ेंगे, ये अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन, बताया जा रहा है कि यदि हाथी मालिकों को 2500 रुपए देने पड़े तो हाथी की सवारी करीब 1500 से 1900 रुपए तक बढ़ सकती है। ऐसे में पर्यटकों से 3000 से 3100 रुपए वसूले जाएंगे। पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया- मीटिंग में हाथी मालिकों और उनकी समिति के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई है। इस संबंध में प्रमुख शासन सचिव को प्रस्ताव भेज दिया गया है। स्वीकृति मिलने के बाद ही दर तय हो पाएंगे। बताया जा रहा है कि जुलाई में नए रेट के लिए स्वीकृति​ मिल जाएगी, जिसे अक्टूबर तक लागू किया जा सकेगा।

गांव में 63 हाथियों के लिए बने हैं बाड़े

हाथी गांव कल्याण समिति से जुड़े लोगों ने बताया कि इस हाथी गांव को 2010 में जयपुर-दिल्ली हाईवे पर 120 बीघा में बसाया गया था। देश-विदेश के सैलानी यहां हाथियों और उनके महावतों की रोजमर्रा की जिंदगी को करीब से देखने आते रहे हैं। यहां हाथियों के रहने के लिए 63 शेड होम बने हुए हैं, जो करीब 20 फीट ऊंचे और चौड़े हैं। एक ब्लॉक में तीन हाथियों के लिए शेड होते हैं। इसके पास महावत और उसके परिवार के ठहरने के लिए कमरे बने हैं। बच्चों के खेलने के लिए लॉन है। हाथियों के नहाने के लिए तीन बड़े तालाब हैं।