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Jaipur श्रद्धालु घर में मिट्टी से बने भगवान गणेश की मूर्ति की करेंगे स्थापना

 
Jaipur श्रद्धालु घर में मिट्टी से बने भगवान गणेश की मूर्ति की करेंगे स्थापना
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए गणेश चतुर्थी (सात सितंबर) पर ‘घर-घर सृजन’ अभियान शुरू किया गया है। प्राकृतिक तत्वों (पान, सुपारी, पत्ते, हल्दी की गांठ व सूखे मेवे) तथा मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमाएं शनिवार को घरों-पांडाल में विराजित करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस पहल के समर्थन में बड़ी संया में शहरवासी सहित कई संगठन-एनजीओ भी आगे आए हैं। वहीं, अभियान से जुड़कर युवाओं-बच्चों सहित अन्य आयु वर्ग के लोग भी मिट्टी से गणेश प्रतिमाएं बनाने में जुटे हैं। साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। कई जगह आयोजित वर्कशॉप में भी मिट्टी तथा क्ले से भी गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इनमें प्रतिमा बनाने के दौरान मिट्टी में औषधीय महत्व वाले बीजों के साथ ही अन्य बीज भी डाले गए। विधि-विधान से पूजन के बाद इन्हें अनंत चतुर्दशी पर घर में ही पौधों या गमलों तथा आस-पास के कुंडों में विसर्जित किया जाएगा। उधर, बुधवार को भी शहर में कई जगह कार्यशाला आयोजित होंगी।

बच्चों में भी खासा उत्साह

स्पार्क हेल्थ आर्ट्स एंड सोशल क्लब, जयपुर की ओर से आयोजित कार्यशाला में

बच्चों ने अलग—अलग स्वरूप में गणेश प्रतिमाएं बनाईं। इस दौरान उनमें खासा उत्साह भी नजर आया। संस्थापक सारिका लुहाड़िया ने बताया कि पहल सराहनीय है। इससे लोग घर पर इकोफ्रेंडली प्रतिमाएं बनाने के लिए प्रेरित होंगे।

कम समय में हो जाएगी विसर्जित

चिकनी मिट्टी में गोबर और 76 औषधियों का अर्क मिलाकर पांच इंच ऊंची गणेश प्रतिमा तैयार की है। कृत्रिम रंग का इस्तेमाल नहीं किया गया। यह जल में तीन घंटे में पूरी तरह विसर्जित हो जाएगी।

पीओपी-सीमेंट से तैयार प्रतिमाएं स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदायक हैं। इनके विसर्जन से जलीय जीव-जंतुओं को भी नुकसान होता है। इको फ्रेंडली प्रतिमा के विसर्जन में पानी भी कम खर्च होता है। 

हाथों से निर्मित प्रतिमा से पर्यावरण को नुकसान नहीं है। मिट्टी से बनी प्रतिमा को घर में ही विराजित करेंगे। विसर्जन के बाद गणपति बप्पा घर में रहेंगे। वे परिवार के लिए समृद्धि-खुशहाली लाएंगे।