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Jaipur मांग ओबीसी आरक्षण 21 प्रतिशत से बढ़ाओ, हकीकत यह तो आज भी 26 प्रतिशत है

 
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जयपुर न्यूज़ डेस्क, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का संकेत देने के बाद अब पूर्व मंत्री और वर्तमान में कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार पर जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं करने का आरोप लगाया, वहीं कहा कि केन्द्र यह काम नहीं कर रही तो राज्य सरकार जातिगत जनगणना कराए।

चौधरी ने ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग को लेकर बुधवार को यहां राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष भंवरू खान को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर चौधरी ने मीडिया से कहा कि आज देश में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत नहीं है। ऐसे में सरकार को जातिगत जनगणना करवाकर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करना चाहिए। एससी-एसटी वर्ग का आरक्षण भी आबादी के अनुपात में किया जाना चाहिए। चौधरी ने कहा कि तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने जातिगत जनगणना में त्रुटि बताते हुए आंकड़े सार्वजनिक नहीं करने की बात कही थी और उस समय पनगड़िया कमेटी का गठन भी किया था। इसके बाद केन्द्र सरकार ने जातिगत जनगणना पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया।

उधर, आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक करने से रोकने के लिए संघर्षरत समता आंदोलन समिति के अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा का कहना है कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को अन्य पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) दो वर्गों में बांटकर 26 प्रतिशत आरक्षण पहले से ही दिया हुआ है। ओबीसी आरक्षण 21 प्रतिशत है, जबकि एमबीसी आरक्षण 5 प्रतिशत है। आरक्षण बढ़ाने की मांग गुमराह करने वाली है और यह राजनीतिक लाभ के लिए उठाई जा रही है। संविधान में एससी-एसटी को नौकरियों व शिक्षा के लिए आरक्षण भी आबादी के अनुपात में रखने का प्रावधान नहीं है। संविधान में केवल पर्याप्त प्रतिनिधित्व की बात कही है। राज्य सरकार की ओर से 11 सितम्बर 2011 को जारी अधिसूचना में ओबीसी के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण को पर्याप्त माना गया है।