Aapka Rajasthan

Jaipur दसलक्षण पर्व 8 शुरू, 6 को रोट तीज और 18 को क्षमावाणी पर्व

 
Jaipur दसलक्षण पर्व 8 शुरू, 6 को रोट तीज और 18 को क्षमावाणी पर्व
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर  दिगंबर जैन धर्म में भादवा माह का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है, इस माह को जैन धर्म त्याग, तप, साधना और आराधना का माह माना गया, भादवें के महीने में अधिकतर जैन श्रद्धालु बाहर की बनी चीजों का एक माह तक त्याग करते है और नित्य जिनालय पहुंचकर अरिहंत भगवानों के दर्शन कर दिन की शुरुआत करते है। अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ के अनुसार भादवें माह को जैन धर्म में सबसे पवित्र माह माना गया, इस माह की शुरुआत के साथ ही जैन धर्म में बत्तीस दिन के उपवास प्रारंभ हो जाते है। इसके बाद सोलह दिनों के सोलहकरण उपवास प्रारंभ होते है, फिर दशलक्षण पर्व के दस उपवास प्रारंभ होते है, दशलक्षण के दौरान ही पांच दिन के पंचमेरू उपवास और तीन के उपवास प्रारंभ होते है। 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी, चौदस और भगवान वासुपूज्य स्वामी के निर्वाण कल्याणक के साथ दशलक्षण पर्व संपन्न होगे। इस बार चौदस और पूर्णिमा एक साथ होने से 18 सितंबर को पड़वा ढोक (क्षमावाणी पर्व) मनाई जाएगी।

क्या है दशलक्षण पर्व

दशलक्षण पर्व दस धर्मों पर आधारित एक महापर्व है, जिसकी शुरुआत क्षमा के भावों को धारण कर क्षमायाचना के साथ संपन्न होती है।

8 सितंबर - उत्तम क्षमा धर्म
9 सितंबर - उत्तम मर्दाव धर्म
10 सितंबर - उत्तम आर्जव धर्म
11 सितंबर - उत्तम सत्य धर्म
12 सितंबर - उत्तम शौच धर्म
13 सितंबर - उत्तम संयम धर्म
14 सितंबर - उत्तम तप धर्म
15 सितंबर - उत्तम त्याग धर्म
16 सितंबर - उत्तम आकिंचन धर्म
17 सितंबर - उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म
18 सितंबर - क्षमावाणी पर्व
प्रतिदिन श्रावक/श्राविकाएं इन धर्मों को अपने तन-मन में धारण करेंगे और श्रद्धा-भक्ति और समर्पण के साथ अष्ट द्रव्यों के साथ जिनेन्द्र आराधना कर अपने कर्मों की निर्जरा करेगे।

दसलक्षण पर्व के मुख्य आयोजन

अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि दसलक्षण पर्व के दौरान दस धर्मों के अतिरिक्त विभिन्न मुख्य आयोजन भी संपन्न होगे।

20 अगस्त से 18 सितम्बर तक षोड़षकारण व्रत (32 दिन के उपवास)
3 से 6 सितंबर - लब्धिविधान तेला
6 सितंबर - भगवान वासुपूज्य स्वामी ज्ञान कल्याणक पर्व, रोट तीज और चौबीसी व्रत
9 सितंबर - भगवान सुपार्श्वनाथ स्वामी गर्भकल्याणक पर्व
13 सितंबर - सुगंध दशमी
14 से 18 सितंबर - पंचमेरु उपवास
15 से 17 सितंबर - कर्म निर्झरा तेला उपवास
16 से 18 सितंबर - रत्नत्रय तेला उपवास
17 सितंबर - भगवान वासुपूज्य स्वामी मोक्षकल्याणक पर्व, अनंत चौदस उपवास, चौदस कलश कार्यक्रम
18 सितंबर - षोडशकरण समापन कलश और पड़वा ढोक (क्षमावाणी पर्व)
19 सितंबर - भगवान नेमीनाथ स्वामी गर्भकल्याणक पर्व मनाया जाएगा।
इन सब के अलावा प्रतिदिन संध्याकालीन सत्र में श्रीजी की सामूहिक महामंगल आरती, विशेष प्रवचन आयोजित होगे। साथ ही मंदिरों की समितियों से जुड़े महिला मंडल, युवा मंडल, मुनि संघ व्यवस्था समितियों सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन आयोजित होगे।

शहर के इन स्थानों पर होगे मुख्य आयोजन

अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि गुलाबी नगरी में इस बार बड़ी संख्या में दिगंबर जैन संतों के चातुर्मास कार्यक्रम चल रहे है। जिसके चलते प्रतिदिन ज्ञान की गंगा का महा महोत्सव देखने को मिल रहा है, यह महा महोत्सव दसलक्षण पर्व में भी जारी रहेगा, जिसके साक्षी बनने का सौभाग्य संपूर्ण जयपुर जैन समाज मिलेगा। दसलक्षण पर्व के अवसर पर सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की आस्था देखने को मिलेगी किंतु जहां चातुर्मास चल रहे है उन स्थानों पर आस्था का सैलाब देखने को मिलेगा और विशेष आयोजन भी देखने को मिलेंगे।

अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा - मुनि महिमा सागर महाराज ससंघ
बिलवा, टोंक रोड़ शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर - गणिनी आर्यिका नंगमती माताजी ससंघ
प्रताप नगर सेक्टर - 8 जैन मंदिर - उपाध्याय उर्जयंत सागर महाराज ससंघ
अग्रवाल फार्म सेक्टर - 11 जैन मंदिर - उपाध्याय वृषभानंद महाराज ससंघ
मीरा मार्ग, मानसरोवर जैन मंदिर - मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ
वरुण पथ, मानसरोवर जैन मंदिर - आचार्य शशांक सागर महाराज
कीर्ति नगर टोंक रोड़ जैन मंदिर - मुनि समत्व सागर महाराज ससंघ
बरकत नगर जैन मंदिर - मुनि अर्चित सागर महाराज ससंघ
चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर, दुर्गापुरा - मुनि पावन सागर महाराज ससंघ
दहमीकलां, बगरू जैन मंदिर - आचार्य नवीननंदी महाराज