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Jaipur छठ पर्व 51 जगह आयोजनों से पूर्वांचल की संस्कृति होगी साकार

 

जयपुर न्यूज़ डेस्क छठ पर्व के बाद बिहार-यूपी के प्रमुख पर्व छठ से जुड़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इस अवसर पर तीर्थस्थल पर रहने वाले लोगों का तालाबों पर मेला लगता है। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल षष्ठी 17 नवंबर से शहर में रहने वाले बिहार, झारखंड और आसपास के लोग एक साथ एक जगह पर मनाएंगे।इस दौरान समुदाय के लोग तालाबों और घाटों के किनारे बैठकर अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे. पहले दिन वे पूरी रात पवित्र तालाबों में रहेंगे और सप्तमी के दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने-अपने घर से निकलेंगे और व्रत तोड़ेंगे.हाय खाय के साथ पर्व की शुरुआत होगीपहले दिन 17 नवंबर को नहाय खाय के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी. 18 नवंबर को खरना व्रत रखा जाएगा. व्रती खरना की पूजा करेंगे.

इसमें छठ करने वाले कलाकार पूरे दिन निर्जला व्रत रखेंगे और शाम को भगवान भास्कर की पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगे. प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे तक निर्जला अनुष्ठान का संकल्प लेते हैं।तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. छठ पर्व के चौथे और आखिरी दिन की सुबह व्रती घाटों या कृत्रिम घाटों से उगते सूर्य को दूध और जल से अर्घ्य देने का महाव्रत समाप्त होगा. इसके साथ ही उनका 36 घंटे से चल रहा निर्जला व्रत भी पूरा हो जाएगा. बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश से कुल तीन लाख से ज्यादा लोग जयपुर में पूजा करेंगे.बैठक में हुई चर्चा; हरियाली के बीच समारोहबिहार समाज संगठन की ओर से शास्त्री नगर के किशन बाग में छठ पर्व को लेकर मनोहर गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई.

इस मशीन पर सामाजिक सहयोग अभियान पर चर्चा हुई. आगरा रोड स्थित किशन बाग में हरियाली के बीच छठ पूजा के तीन दिव्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। वैज्ञानिकों का मानना है कि बिहार क्षेत्र के मूल झील तीर्थ स्थलों पर यह कार्यक्रम 20 वर्षों से अधिक समय से चल रहा है, लेकिन तीन वर्षों से अधिक समय से समुद्र तट के स्थानों पर परिवर्तन हो रहा है। यात्रा के दौरान कार्यक्रम भी होगा. आनंद शर्मा और संजीव सिंह ने बताया कि जयपुर में 51 स्थानों पर छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा. शास्त्री नगर कानोता बांध, आमेर मावठा, मुरलीपुरा, वृक्कम, प्रताप नगर, सिटी कैटरपुरा, रायल माचवा, बाइस ज्वालामुखी, गुर्जर की थड़ी में भी महापर्व मनाया गया।यहां दो अनमोल फूलों की वर्षा होगीमैथिली भोजपुरी छठ पूजा समिति समिति, जयपुर की ओर से सातवां वार्षिक महोत्सव एवं छठ पूजा, भजन संध्या कार्यक्रम 17 नवंबर शुक्रवार से नहाय खाय के साथ शुरू होगा. सभी कार्यक्रम संस्थानपुरा रोड एनबीसी क्वार्टर के पीछे होंगे। संजीव मिश्रा और नोखेलाल ने बताया कि इस मस्जिद पर दो फूलों की वर्षा होगी।