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Jaipur 900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में CBI की एंट्री, जाँच जारी

 
Jaipur 900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में CBI की एंट्री, जाँच जारी 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, 900 करोड़ के जलजीवन मिशन घोटाले में अब सीबीआई की एंट्री हो गई है। सीबीआई ने सरकार की सिफारिश पर मामला दर्ज किया है। प्रकरण फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर टेंडर लेने से जुड़ा है। जलदाय विभाग के एक्सईएन विशाल सक्सेना, श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोपराइटर पदमंचद जैन, श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी शाहपुरा के प्रोपराइटर महेश मित्तल शामिल हैं।  सीबीआई ने एफआईआर में अज्ञात सरकारी एवं गैर सरकारी लोगों को भी शामिल माना है। बताया जा रहा है कि यह सभी पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी के नजदीकी हैं। सरकार ने 18 मार्च को जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की थी। 3 मई को सीबीआई ने षड्यंत्र एवं धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। ईडी पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी के यहां भी छानबीन कर चुकी है।

एक्सईएन, जेईएन घूस लेते पकड़े गए थे

एसीबी ने 6 अगस्त को एक्सईएन मायालाल सैनी और जेएईएन प्रदीप कुमार को पदम चंद जैन से 2.20 लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। जैन की कंपनी का मैनेजर मलकैत सिंह भी था। जांच में आया कि जेजेएम में ज्यादा काम लेने व घटिया मेटेरियल लगाकर अधिक कमाई के लिए मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी (शाहपुरा) व मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी ने इरकॉन के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगा कर 900 करोड़ के काम हासिल किए थे। 10 महीने से ईडी व एसीबी जांच कर रही है।  फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों से 40 पेयजल प्रोजेक्ट व स्कीमों के कार्य बांटे गए हैं। जयपुर रीजन -प्रथम व जयपुर रीजन-द्वितीय, नागौर प्रोजेक्ट के साथ ही दूसरे रीजन व प्रोजेक्ट विंग द्वारा 2000 करोड़ के काम फर्जी प्रमाण पत्रों से दिए गए हैं। दोनों फर्मों को ब्लैक लिस्ट किया गया था। केवल जगतपुरा प्रोजेक्ट में लगे प्रमाण पत्रों की जांच करने वाले एक्सईएन विशाल सक्सेना को सस्पेंड कर दिया था। एसीबी को दूदू, सांभर, कोटपूतली, सीकर, उदयपुर, महुआ, अलवर, दौसा में जल जीवन मिशन के टेंडरों व वहां हुए फर्जी भुगतान की जानकारी मिली थी।।

सितंबर में ईडी ने 9 जगह छापेमारी की थी

घोटाले में ईडी ने सितंबर 2023 में जयपुर व अलवर में 9 जगह छापे मारे। महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया, कल्याण सिंह कविया, एक्सईएन विशाल सक्सेना, मायालाल सैनी, पदम चंद जैन, तहसीलदार सुरेश शर्मा और अमिताभ कौशिक के यहां सर्च किया गया। 2.50 करोड़ नकद, 1 किलो सोने की ईंट और करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात और कुछ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम से लेन-देन के दस्तावेज मिले।