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Jaipur ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी मामले में अस्पताल प्रशासन और ब्लड बैंक इंचार्ज भी दोषी

 
Jaipur ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी मामले में अस्पताल प्रशासन और ब्लड बैंक इंचार्ज भी दोषी
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर जेके लोन अस्पताल के ब्लड बैंक से पिछले एक साल से अधिक समय से चोरी हो रही थी। यहां तक कि ब्लड बैंक में लगे कैमरे भी काफी समय से बंद थे। जांच में सामने आया है कि कैमरे खराब नहीं थे बल्कि इन्हें बंद किया गया था। जेके लोन अस्पताल से प्लाज्मा चोरी के बाद बनी कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। कमेटी की ओर से इस सप्ताह के अंत तक सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। कमेटी सदस्यों की ओर से बनाई गई प्रारंभिक रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिंदुओं को सबसे पहले सामने लाया है। इस रिपोर्ट में अस्पताल प्रशासन और ब्लड बैंक इंचार्ज को भी जिम्मेदार माना गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक जेके लोन अस्पताल में लैब टेक्नीशियन कृष्ण सहाय कटारिया पिछले एक साल से भी अधिक समय से प्लाज्मा चोरी कर रहा था। जब कटारिया की डयूटी रात के समय लगती थी तभी वह इस चोरी को अंजाम देता था। लैब में किसी भी तरह का बैग लाने-ले जाने पर मनाही नहीं थी और वह उसी बैग में इसे ले जाता था। कैमरे बंद होने और अन्य स्टाफ के सोने के समय यह चोरी की जाती रही। ब्लड बैंक इंचार्ज पूरी तरह से लापरवाह रहे और वर्ष 2021 से किसी तरह का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया गया। कमेटी में अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील कुमार परमार, उप वित्तीय सलाहकार सुरेश चंद जैन, अतिरिक्त निदेशक एड्स डॉ. केसरी सिंह, औषधि नियंत्रक प्रथम डॉ. अजय फाटक शामिल हैं।

एक साल में 25 लाख तक का प्लाज्मा बेचा

एसएमएस से एक लीटर प्लाज्मा 3900 रुपए में बेचा जाता है। कटारिया पिछले एक साल से यह बेच रहा था। हाल ही में 76 बैग पकड़े गए, जिनकी कीमत ही करीब तीन लाख रुपए थी। यदि एक महीने में 50 बैग भी बेचे तो 12 महीने में 600 से अधिक बैग बेच दिए। इनकी कीमत ही 23 लाख रुपए तक होती है। अब यदि वर्ष 2021 से रिकॉर्ड मेंटेन नहीं है तो सवाल यह है कि क्या यह खेल तभी से चल रहा था। यदि ऐसा हुआ तो अब तक 70 लाख तक का प्लाज्मा इस ब्लड बैंक से बेचा जा चुका है। मामला दर्ज कराने के तीन दिन बाद भी कृष्ण सहाय पुलिस की गिरफ्त से दूर है। जब तक वह गिरफ्तार नहीं किया जाता और पूछताछ नहीं की जाती, तब तक चोरी में शामिल अन्य स्टाफ का पता नहीं चल सकता। साथ ही इस बात की पुष्टि भी करना मुश्किल होगा कि वह किस निजी अस्पताल को प्लाज्मा बेच रहा था। हालांकि, जेएलएन मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में इस प्लाज्मा को बेचने की बात भी सामने आ चुकी है।