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जयपुर ब्लास्ट मामले में जेजेबी में पूरी नहीं हुई ट्रायल, सरकार ने एससी को बताया 15 मई तक ट्रायल के लिए कहा था, देखें वायरल फुटेज में पूरा बयान

जयपुर बम ब्लास्ट प्रकरण में जिंदा बम मिलने के मामले में नाबालिग आरोपी को लेकर चल रही ट्रायल जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पूरी नहीं हो सकी है। इसे लेकर पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई तक ट्रायल पूरी करने का आदेश दिया था............
 
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! जयपुर बम ब्लास्ट प्रकरण में जिंदा बम मिलने के मामले में नाबालिग आरोपी को लेकर चल रही ट्रायल जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पूरी नहीं हो सकी है। इसे लेकर पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई तक ट्रायल पूरी करने का आदेश दिया था। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा कि बोर्ड में पीठासीन अधिकारी नहीं होने से ट्रायल पूरी नहीं हो पाई हैं। हम हाई कोर्ट से आग्रह करेंगे कि बोर्ड में पीठासीन अधिकारी जल्द लगाएं। इस पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एम एम सुन्दरेश व जस्टिस एस वी एन भट्टी की बैंच ने नाबालिग आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई अगले सप्ताह तक टाल दी।

दरअसल, नाबालिग आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर कहा था कि धमाकों के 8 मामलों में हाई कोर्ट ने उसे बरी कर दिया है, लेकिन उन्हीं तथ्यों और गवाहों के आधार पर जिंदा बम मामले में सुनवाई चल रही है, इसलिए वह जमानत दे दी गयी जमानत याचिका का विरोध करते हुए सरकार ने कहा कि नाबालिग आरोपी ने बम विस्फोट मामले में अहम भूमिका निभाई थी और वह इंडियन मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य है. वह अहमदाबाद में हुए बम धमाकों में भी शामिल था. इसे जारी करने से समाज में अच्छा संदेश नहीं जायेगा.

पांच आरोपियों में से दो को जमानत मिल चुकी है

दरअसल, जयपुर बम ब्लास्ट मामले में 8 मामलों में बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को 4 आरोपियों सैफुर रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और एक नाबालिग (जिसे बाद में हाई कोर्ट ने नाबालिग माना था) को सजा सुनाई थी. घटना के समय नाबालिग होना) मृत्यु तक। वहीं, एक आरोपी शाहबाज अहमद को बरी कर दिया गया. आरोपी की दलील थी कि शाहबाज को जेल से रिहा नहीं किया जाना चाहिए, इसलिए पुलिस ने जानबूझकर करीब 11 साल पहले दर्ज हुए जिंदा बम मामले में आरोपी को दोबारा गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, बाद में शाहबाज को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके बाद आरोपियों की अपील पर फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने 29 मार्च 2023 को निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया, लेकिन जिंदा बम मामले में सभी आरोपी जेल में थे. मोहम्मद सरवर आज़मी को बाद में अक्टूबर 2023 को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी।

सिलसिलेवार धमाकों से दहल उठा जयपुर

करीब 15 साल पहले 13 मई 2008 को जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 लोग घायल हो गए थे. इस संबंध में जयपुर के माणक चौक और कोतवाली थाने में 4 एफआईआर दर्ज की गईं. ब्लास्ट मामले में कुल 11 आरोपियों में से 5 को राजस्थान एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया था.