जयपुर, भाजपा राष्ट्रवाद, महिला अत्याचार के मुद्दे उठा रही कांग्रेस
जयपुर न्यूज़ डेस्क , डिस्पेंसरी नंबर चार पर चाय की खुली प्लेट पर बैठे रामगोपाल यादव और आत्माराम शर्मा के बीच लालच को लेकर चर्चा चल रही थी. स्टॉक एक्सचेंज पर यादव ने कहा कि गोपाल शर्मा इस सेक्टर के लिए नया चेहरा हैं. लोग उन्हें नहीं जानते, खाचरियावास एक जाना-पहचाना चेहरा हैं. इस पर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण करती है. इसलिए चुनाव में पासपोर्ट साझा किया जा सकता है. शास्त्री नगर आरपीए रोड पर मौलाना चर्चा में शामिल हुए श्रीराम शर्मा और मुकेश कुमार ने बताया कि मंत्री खाचरियावास शेखावत ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर सीमेंट जाम की समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
ऐसी ही चर्चाएं बाबी पार्क, सोडाला, हसनपुरा, शांतिनगर सहित अन्य इलाकों में हो रही हैं। वर्ष 2008 में हुए परिसीमन में सिविल लायंस नाम से नई सीट बनाई गई। पिछले 15 साल में यहां कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास दो बार 2008 और 2018 में विधायक बने. 2013 में बीजेपी के अरुण चौधरी जीते थे. इस बार बीजेपी ने सचिव का टिकट काटकर पत्रकार गोपाल शर्मा को मैदान में उतारा है. शर्मा का यह पहला चुनाव है. खाचरियावास लगातार चौथी बार मैदान में हैं. इस चुनाव में राष्ट्रवाद, महिलाओं पर अत्याचार, तुष्टिकरण, कागज-कागज जैसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं. हाई फैक्ट लाइन को हटाना, सीसीटीवी कैमरे लगाना, सड़कों की मरम्मत जैसे कई वादे कांग्रेस की सहमति से किए जा रहे हैं. गोपाल शर्मा परंपरागत वोट बैंक से उम्मीद के अनुरूप बैठे हैं. जबकि खाचरियावास सरकार की मंजूरी अलग से लंबित है.
ईश्वर की उपस्थिति
समाज कांग्रेस का मजबूत पक्ष: खाचरियावास, गोपाल नेता की छवि, लगातार चौथा चुनाव, अब तक दो बार जीते, एक बार हारे। लोगों से सीधे नेटवर्क बनाएं. एससीएसटी-एसटी, मुस्लिम अल्लाह पर अच्छी पकड़, बड़ी संख्या में राजपूतों के पक्ष में भी.गलत पक्ष: मुनेश गुर्जर प्रकरण से गुर्जर वोट खिसकने का खतरा, क्षेत्र में समस्या, सीमेंट जाम की समस्या का समाधान नहीं। एसीबी की कार्रवाई का असर परिवहन विभाग पर पड़ सकता है. सरकार विरोधी आय के ख़िलाफ़. भाजपा हित का मजबूत पक्ष गोपाल शर्मापहले क्षेत्ररक्षण. बेख़बर लोगों को यह नहीं पता था कि वे सीधे रेलवे से नहीं, बल्कि सांगानेर क्षेत्र से तैयारी कर रहे थे और उन्हें सिविल लायंस से टिकट मिला था। समाजों में प्रवाह बनाए रखें. इन धमकियों का खतरा बीजेपी टिकट के दूसरे दावेदारों से है.
पिछली बार का परिणाम
पिछली बार इस सीट पर 236991 पद थे. इनमें से 164271 पर वोटिंग हुई और 69.32 फीसदी वोटिंग हुई. यहां कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास ने 18078 में सीनेट में बीजेपी के अरुण चौधरी को सीधे हराया था. खाचरियावास को 87937 वोट मिले थे और अरुण चौधरी को 69859 वोट मिले थे. पिछली बार 18 समितियां मैदान में थीं.इस बार यहां से 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.बीजेपी ने अरुण चतुर्थी के टिकट पर गोपाल शर्मा को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने एक बार फिर प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट दिया है. यहां से कुल 10 सीटों पर चुनाव लड़ा जा रहा है. इनमें आम आदमी पार्टी के अर्चित गुप्ता, नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के नारायण सिंह, राजस्थान डेमोक्रेटिक फ्रंट के गजेंद्र सिंह, पीपुल्स इंडियन ग्रीन पार्टी की नाजमीन आलम, कीर्ति कीर्ति प्रतिनिधि, कैलाश पलावत, लक्ष्मी कंवर, सफीक मोहम्मद शामिल हैं।