Jaipur रिश्तों में कड़वाहट से पढ़ाई और नौकरी पर पड़ता है बुरा असर
16 वर्षीय छात्रा सोनिया (बदला हुआ नाम) 10वीं कक्षा से ही अपने सहपाठी के साथ रिलेशनशिप में थी। 11वीं कक्षा में उसने नीट की तैयारी शुरू की। परीक्षा से कुछ समय पहले उसका ब्रेकअप हो गया, जिसे वह सहन नहीं कर पाई। इससे उसका आत्मविश्वास गिर गया और उसकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा। जहां टीचर्स को उम्मीद थी कि वह टॉप करेगी, वह 50% अंक भी नहीं ला सकी। तनाव के कारण परिजन उसे मनोविशेषज्ञ के पास ले गए, जहां उसकी सीबीटी थैरेपी से इलाज किया गया। तीन से चार महीने बाद वह सामान्य हो सकी।
काउंसलिंग और थैरेपी से सुधार
जब कोई व्यक्ति तनाव में आता है और इसका कारण रिश्तों में कड़वाहट होता है, तो मनोचिकित्सक उसकी काउंसलिंग करते हैं और उसके विचारों में बदलाव लाते हैं। अगर व्यक्ति में चिंता, बेचैनी और घबराहट जैसे लक्षण बने रहते हैं, तो दवा दी जाती है। कुछ मामलों में सीबीटी (कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी) दी जाती है, जो कई सत्रों में होती है। सामान्य तौर पर इलाज एक से चार महीने तक चलता है। मनोचिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, पढ़ाई और नौकरी के कारण कई युवाओं को घर से दूर रहना पड़ता है। इस समय उन्हें भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है, जो अक्सर साथी या सहपाठी से मिलता है। धीरे-धीरे यह रिश्ते में बदल जाता है, लेकिन कुछ समय बाद इनमें मनमुटाव, बहस और विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। परिणामस्वरूप, कई युवा ब्रेकअप कर लेते हैं। ऐसे में, वे तनाव में आ जाते हैं, जो उनके कॅरियर और नौकरी पर गहरा असर डालता है।