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जयपुर, विधानसभा चुनाव प्रचार में नए रंग आये नजर , इमोशनल गीत गाकर लुभा रहे हैं वोटरों को

 
नेताओं का बड़ा ट्रंपकार्ड, इमोशनल गीत गाकर लुभा रहे हैं वोटरों को

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान के उग्रवादियों का प्रचार जोरों पर है. जीत के लिए सबसे भावनात्मक और वैचारिक अपील जियो को लुभाने की की जा रही है. इसके लिए तकनीशियन होते हैं जो स्थानीय बोली में गाने तैयार करते हैं. समान शैली वाले लोगों में समान रुचियां प्रतिध्वनित होती हैं और मछुआरों में भी अलग-अलग रुचियां होती हैं। बीजेपी, कांग्रेस और अन्य विचारधाराओं के कई अनुयायी इन इमोलाल वालकार्ड का उपयोग कर रहे हैं। इसके चुनावों में लोक कलाकारों की भी भूमिका होती है। वह जब भी किसी क्षेत्र में प्रचार के लिए जाते हैं तो लोगों को उनके जीवन के दर्द पर आधारित गाने सुनाए जाते हैं. लोगों के बीच ऐसे रीव्स की खूब चर्चा हो रही है. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि वे हथियारों के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.

त्रिकोणीय चट्टान में फंसी सवाई माधोपुर सीट से बीजेपी समर्थक किरोड़ीलाल मीना और साधिया आशा मीना के प्रचार में मीडिया से अपील की जा रही है. भाजपा के हित के प्रचार में 'थारा पाग पखाऊं माधोपुर राखो लाज बुढ़ापा की...?'

हिंडोली में कांग्रेस कार्यकर्ता हाड़ौती बोली के जिलों को चिन्हित कर रहे हैं. यहां 'हिंडोली को टाइगर जिको ध्यान रखनो छा, 25 तारीख ना भयौं... और शेर की चाल बोली नार की लग है, ...बात पूरी हिंडोली मन' जैसे गाने गाए जा रहे हैं। कोटा, उत्तर प्रदेश के शुभचिंतक शांति धारीवाल ने भी हाड़ौती बोली में गाने तैयार करने वाले तकनीशियनों को बढ़ावा दिया है.बयाना विधानसभा क्षेत्र में दुकझोरी रितु बनावत के भाषण के दौरान टोक्यो में दर्द भरे गीत गाये जा रहे हैं. रावण के माध्यम से कहा जा रहा है कि जिस ग्रुप के लिए वह रात में काम करता था, उसी ने उसे धोखा दिया है. तो अब वह आपका दोस्त है. आप स्वयं निर्णय लें।