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Jaipur 50% सड़कों पर फुटपाथ, केवल 65% सड़कें चलने योग्य

 
Jaipur 50% सड़कों पर फुटपाथ, केवल 65% सड़कें चलने योग्य 
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजधानी में राहगीरों की डगर कठिन है। यहां महज 50 फीसदी सड़कों पर ही फुटपाथ हैं। इसके बावजूद जेडीए व अन्य सरकारी महकमों ने इस पर काम करने की जरूरत नहीं समझी। वर्ष 2019 में ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में फुटपाथ विकसित करने और मरमत को लेकर चर्चा हुई। दो बैठकों में राहगीरों का मुद्दा कॉपी-पेस्ट हुआ और उसके बाद टीसीबी की बैठक से फुटपाथ का मुद्दा ही गायब हो गया। हाल ही केंद्र सरकार के शहरी विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई कि राजधानी जयपुर में करीब 65 फीसदी फुटपाथ ही चलने लायक हैं। चंडीगढ़ में 90, दिल्ली में 88, अहमदाबाद और मुबई में 85-85 फीसदी फुटपाथ चलने लायक हैं। इससे पहले जेडीए ने भी दो एजेंसियों के माध्यम से फुटपाथ का सर्वे करवाया था, उस रिपोर्ट में महज 50 फीसदी फुटपाथ ही ऐसा मिला जिस पर लोग आसानी से चल सकते थे, लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव था। यानी छाया न होना, पानी की व्यवस्था न होना प्रमुख थे।

जेडीए के लिए फुटपाथ महत्वपूर्ण नहीं

वर्ष 2019 में ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की तीन बैठकें हुईं। इसमें हर बार फुटपाथ की मरमत करने पर चर्चा हुई। बैठक के बाद जो मिनट्स लिखे उसमें उल्लेखित था कि जयपुर की मुय सड़कों पर पैदल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए फुटपाथों की मरमत की जाएगी। इसका काम भी शुरू करवा दिया है। बैठक में तीन माह में एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिए। हर बार इस बिन्दु को बैठक में कॉपी-पेस्ट किया गया। वर्ष 2019 में ही शहर के प्रमुख 10 चौराहों को पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुधार भी करना था। इनमें जवाहर सर्कल, यूनिवर्सिटी क्रॉसिंग, रामबाग सर्कल, मानसरोवर मेट्रो जंक्शन, रिद्धि-सिद्धि चौराहा, गवर्नमेंट चौराहा, बी-टू बाइपास, कलक्ट्रेट सर्कल, स्टेच्यू सर्कल आदि शामिल हैं। इनमें से जवाहर सर्कल और बी टू बाइपास चौराहे पर ही काम हुआ है। बाकी चौराहों पर जेडीए का काम ही नजर नहीं आया।

टूरिस्ट सिटी में पैदल चलने वाले ज्यादा

तमाम एक्सपर्ट इस बात को मानते हैं कि विश्व में जितनी भी टूरिस्ट सिटी हैं, वहां पैदल चलने वालों की संया ज्यादा होती है। यही वजह है कि इन शहरों में पैदल चलने वालों को न सिर्फ बेहतर फुटपाथ दिए जाते हैं, बल्कि उन फुटपाथ पर मूलभूत सुविधाएं भी विकसित करते हैं।