Jaipur एसएमएस अस्पताल में 20 साल के युवराज के दिल में छेद को ठीक कर बचाई जान
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर खोरा बिसल निवासी 20 वर्षीय युवराज को चाकू के हमले से फेफड़ों के साथ दिल भी पंक्चर हो गया था, एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में डॉक्टरों ने उसके धड़कते दिल को ठीक कर नई जिंदगी दी है। चार घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद अब मरीज की हालत ठीक है. डॉक्टरों का दावा है कि इतनी गंभीर स्थिति वाला यह प्रदेश का पहला मामला है। 3 फरवरी की रात 1 बजे मरीज लहूलुहान हालत में ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में पहुंचा. हालत गंभीर देख उसे तुरंत इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर में ले जाने का फैसला किया गया.
ऑपरेशन के दौरान कार्डियक अरेस्ट होने पर आंतरिक सीपीआर दिया गया। यह ऑपरेशन एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभा ओम, ट्रोमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग धाकड़ के निर्देशन में किया गया। डॉ. दिनेश गोरा, डॉ. आशीष, डॉ. आकाश, डॉ. वक्ताराम ने भी सहयोग किया। एसएमएस अस्पताल के मीडिया प्रभारी डॉ. देवेन्द्र पुरोहित के अनुसार शनिवार को ट्रोमा सेंटर पहुंचे 20 वर्षीय युवराज सिंह को लूट के दौरान सीने में चाकू मारा गया। जब डॉक्टरों की टीम ने पाया कि मरीज का ब्लड प्रेशर भी काफी कम है और दिल की धड़कन की आवाज भी कम है. जांच के दौरान पता चला कि दिल के आसपास खून का रिसाव होने से उस पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा था. जिसे मेडिकल भाषा में कार्डियक टैम्पोनैड कहा जाता है।
इसलिए चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशन... हृदय के आसपास खून के थक्के और वेंट्रिकल में छेद, रक्तचाप में लगातार गिरावट और दिल की धड़कन के कारण होने वाले रक्तस्राव को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण था। धड़कते दिल की मरम्मत करके रक्तस्राव को नियंत्रित किया गया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान कार्डियक अरेस्ट होने पर आंतरिक सीपीआर दिया गया। डॉक्टर और स्टाफ भगवान का रूप हैं... परिजनों ने कहा कि हमारे बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन ऐसी स्थिति में ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर उसकी जान बचाने वाले डॉक्टर और स्टाफ भगवान का रूप हैं. ईश्वर। आपात स्थिति में किसी योजना से जुड़ न पाने और खून की व्यवस्था न होने पर भी जान बचाना बड़ी बात है।