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Jaipur 13वें तीर्थंकर विमलनाथ का तप कल्याणक महोत्सव आज

 
Jaipur 13वें तीर्थंकर विमलनाथ का तप कल्याणक महोत्सव आज
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर जैन समाज में तेरहवें तीर्थंकर भगवान विमलनाथ के जन्म एवं तप महोत्सव एवं दिगंबर जैन आचार्य कुंदकुंद के जन्मोत्सव महोत्सव पर शहर के प्रमुख दिगंबर जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना के विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। यह महोत्सव 13 से 15 फरवरी तक चलेगा, जिसमें मंगलवार को जैन धर्म के तेरहवें तीर्थंकर भगवान विमलनाथ का जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। बुधवार को भजन संध्या का आयोजन कर आचार्य कुंदकुंद की जयंती मनाई जायेगी. वहीं गुरुवार को भगवान विमलनाथ का ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महासचिव विनोद जैन कोटखावदा ने कहा कि तीर्थंकरों का कल्याणक महोत्सव जैन समाज के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो दिगंबर जैन समाज में मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिरों में सेमिनार, णमोकार महामंत्र का जाप, आरती, भक्ति संध्या आदि का आयोजन किया जाएगा।

इन मंदिरों में होंगे आयोजन

जैन तीर्थंकरों के कल्याण एवं जयंती के अवसर पर मनिहारों का रास्ता स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर संघीजी में अध्यक्ष प्रेमचंद बड़जात्या एवं मंत्री विपीन बाज के नेतृत्व में आदि नायक भगवान विमलनाथ का जन्म एवं तप कल्याणक दिवस मनाया जायेगा। मंगलवार को। वहीं, आमेर स्थित दिगंबर जैन नसियां कीर्ति स्तंभ, सांगानेर स्थित श्री दिगंबर अतिशय क्षेत्र मंदिर संघीजी, आगरा रोड स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन सहित कई मंदिरों में पूजा के विशेष आयोजन होंगे।

पेशे से डॉक्टर, उन्होंने अपना पारिवारिक जीवन छोड़कर जैन दीक्षा ले ली, अब डॉ. मनोज संघवी सर्वजीत महाराज बन गए हैं.

पेशे से डॉक्टर होने के कारण उन्होंने अपना पारिवारिक जीवन त्याग दिया और जैन क्षुल्लक दीक्षा ले ली। अब 63 साल के डॉ. मनोज संघवी सर्वजीत महाराज बन गए हैं. श्रीमुनिसंघ सेवा समिति बापू नगर की ओर से श्री दिगंबर जैन भट्टारकजी की नसिया परिसर में मानस्तंभ के सामने सर्वांगभूषण आचार्य चैत्यसागर मुनिराज ने उन्हें जैन क्षुल्लक दीक्षा दी। दीक्षा के बाद डॉ. मनोज संघवी अब शुल्लक 105 सर्वजीत सागर महाराज बन गए। आचार्य ने कहा कि सभी कठिनाइयों को पार करने के बाद जैन धर्म की दीक्षा मिलती है। समिति के मनीष बैद ने बताया कि जब दीक्षा समारोह शुरू हुआ तो दीक्षार्थियों ने गुरु की पूजा की और हाथ जोड़कर दीक्षा देने का आग्रह किया। गुरुवर की आज्ञा पाकर दीक्षार्थी ने जनता को तपस्वी, सारगर्भित शब्दों से सम्बोधित करते हुए अपने बालों में कंघी करनी शुरू कर दी और दिगम्बर अवस्था को प्राप्त कर लिया।

दीक्षा के बाद नरेश कुमार सेठी, सुरेंद्र कुमार मोदी, राजीव जैन गाजियाबाद, चिंतामणि रवींद्र बाज, मनीष बैद, मनोज झांझरी, सुधीर गंगवाल, नवीन सांघी, रमेश बोहरा, अशोक कूल्टर, सूरज अजमेरा, सुलोचना निधि मोदी, दीपाली सांघी, रचना बैद। बीना बोहरा, विनोद जैन ने क्षुल्लक सर्वज्ञात सागर महाराज को नवीन पिच्छिका एवं शास्त्र भेंट किये। दीक्षा के बाद आचार्य ससंघ ने श्री दिगंबर जैन मंदिर गोपाल पुरा बाईपास के लिए मंगल विहार किया। yउनके माता-पिता ने भी पहले ली थी दीक्षा: अहमदाबाद के रहने वाले डॉ. मनोज संघवी के माता-पिता ने भी पहले घर-परिवार छोड़कर दीक्षा ली थी। अब वह दीक्षा लेने के लिए ही अहमदाबाद से जयपुर आए हैं।