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Jaipur प्रोफेसर के ही 61 में से 58 पद खाली, स्टूडेंट्स की पढ़ाई और रिसर्च हो रही प्रभावित

 
प्रोफेसर के ही 61 में से 58 पद खाली, स्टूडेंट्स की पढ़ाई और रिसर्च हो रही प्रभावित

जयपुर न्यूज़ डेस्क प्रदेश के सबसे पुराने और 338 एकड़ में फैले राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षक, लाइब्रेरियन और रिसर्च एसोसिएट सहित आधे पद खाली पड़े हैं। इससे यूजी से जुड़े महाराजा, महारानी, कॉमर्स व राजस्थान कॉलेज और पीजी कोर्स कर रहे विद्यार्थियों की न केवल पढ़ाई प्रभावित बल्कि क्वालिटी युक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही है। अशैक्षणिक वर्ग के रिक्त पदों के और बुरे हाल हैं। स्वीकृत 1780 में से 1019 पद रिक्त हैं।

राजस्थान विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रो. विनोद शर्मा का कहना है कि पिछले चीन-चार साल में किसी भी तरह की भर्ती नहीं की है। जिससे विद्यार्थियों के भविष्य पर असर पड़ सकता है। शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं की पढ़ाई व शोध पर भी असर पड़ रहा है। बिना फैकल्टी के किसी भी विश्वविद्यालय का अकादमिक ऊंचाई यों को कैसे छू सकता है। साल 2009 में करीबन 21 प्रोफेसर, वर्ष 2013-14 में 300 असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षकों और वर्ष 2018 में एसोसिएट व असिस्टेंट प्रोफेसर के 140 पदों पर भर्ती की है।

साल 1947 में हुई थी आरयू की स्थापनाराजस्थान विश्वविद्यालय की स्थापना साल 1947 में हुई थी। इस विश्वविद्यालय के सात संघटक कॉलेज हैं। वहीं संबद्ध कॉलेजों की संख्या 615 है। राजस्थान विश्वविद्यालय प्रदेश की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में शामिल है।