Jaipur अगेती फसलों के साथ गेहूं बुवाई के लिए किसान कर रहे बरसात की आस
जयपुर न्यूज़ डेस्क क्षेत्र में कम बारिश के कारण इस बार खेतों में किसानों ने नाममात्र की बुवाई की है। विभाग की ओर से बुवाई के जो लक्ष्य तय किए गए उसके विपरीत मात्र 5-10 प्रतिशत क्षेत्र में ही अब तक बुवाई हो पाई है। वर्तमान में एक ओर किसानों को अगेती बुवाई की गई रबी फसल सरसों, तारामीरा, चना की फसलों को बरसात व सिंचाई की जरूरत है तो वहीं दूसरी ओर नवंबर महीने में किसानों के द्वारा गेहूं बुवाई का सही समय होने के कारण उसके लिए दोहरी मार हो रही है। किसान बरसात न होने के कारण अगेती फसलों की सिंचाई करें या फिर गेहूं की फसल की बुवाई के लिए पलाव। कम बारिश के बाद किसानों को इस बार बारिश आने की आस थी, जिसका बेसब्री से सप्ताह भर तक उन्होंने इंतजार भी किया।
कृषि विभाग बारिश होने से रबी की फसल के लिए लाभदायक मान रहे थे। लेकिन बारिश न होने से किसान निराश हैं। बारिश नहीं होने के कारण मौसम में नमी नहीं हो पाई, जिसके कारण रबी की फसलों की बुवाई कम हुई। इधर मंगलवार को सर्दी का असर के कारण सवेरे से आसमान में बादल छाए रहे। बादलों के छाए रहने से नमी का असर बढ़ा लेकिन बारिश नहीं हुई।नवंबर तक रबी की फसलों की पहले चरण में सरसों व चना की बुआई होनी है। इसके बाद दूसरे चरण में पूरे नवंबर महीने में गेहूं की बुआई की जाएगी। ऐसे में अब रबी की फसलों को नमी की आवश्यकता रहती है। गत दिनों में हुई बारिश के कारण अब रात्रि में अच्छी ओस गिरने से तापमान में गिरावट होने से किसानों को काफी फायदा मिलेगा।विभागीय जानकारी के अनुसार यदि इस मौसम में बारिश होती है तो किसान बुवाई करने में जुट जाएंगे, जिससे लक्ष्य अर्जित हो सकते है। मौसम में बदलाव की संभावना है। अभी तक नमी की कमी के चलते फसलों की बुवाई बहुत कम क्षेत्र में हो पाई है। क्षेत्र में अच्छी बारिश होती तो इससे रबी की बुवाई पर सकारात्मक असर पड़ता।