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Jaipur अजमेर रोड पर डेड एंड मानकर रिंगरोड की अधूरी क्लोअर लीफ बनवा रहा एनएचएआई

 
Jaipur अजमेर रोड पर डेड एंड मानकर रिंगरोड की अधूरी क्लोअर लीफ बनवा रहा एनएचएआई

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर भांकरोटा हादसे के बाद एनएचएआई ने रिंग रोड पर क्लोअर लीफ का काम तेज कर दिया गया, लेकिन इसमें भी बड़ी चूक सामने आई है। एनएचएआई क्लोअर लीफ का काम रिंग रोड काे डेड (टी-पॉइंट) मानकर कर रहा है, जबकि सरकार उत्तरी रिंग रोड के लिए अवाप्ति की तैयारियों में जुटी है। ऐसे में अगर इसी पॉइंट से उत्तरी रिंग रोड शुरू होती है तो वर्तमान में हो रहा निर्माण व्यर्थ साबित हो सकता है।वर्तमान में रिंग रोड आगरा रोड से अजमेर रोड तक 47 किमी बनी हुई हैै। आगरा रोड से अजमेर रोड पर पहुंचने वाले यातायात को लेफ्ट में उतरने के लिए स्लोप बना हुआ है। इसी तरह भांकरोटा से रिंगरोड पर चढ़ने के लिए भी स्लोप बना हुआ है। अजमेर से आकर आगरा रोड की ओर जाने वाले तथा आगरा रोड से आकर भांकरोटा की ओर जाने वाले यातायात के लिए क्लोअर लीफ प्रस्तावित है। डिजायन में इसे टी-पॉइंट के रूप में तैयार किया गया है, जबकि यहां चौराहे के तरह चार दिशाओं में यातायात चलेगा।

उत्तरी रिंग रोड शुरू होने की स्थिति में वहां से आने वाले यातायात और भांकरोटा से उस ओर जाने वाले यातायात के क्रॉसिंग के लिए कोई प्लान इस डिजाइन में नहीं है। एनएचएआई ने जयपुर जिला प्रशासन को अवाप्ति के लिए कार्रवाई संबंधी जानकारी साझा की है। उत्तरी रिंग रोड के तीन प्रस्तावित अलाइनमेंट में महापुरा भी शामिल है। अंतिम निर्णय एनएचएआई मुख्यालय करेगा।

टोंक रोड पर भी यही गलती की थी

टोंक रोड पर प्रस्तावित क्लोअर लीफ की प्लानिंग भी रिंग रोड बनाने के समय नहीं की गई थी। रिंग रोड के दोनों ओर बने विकसित कॉरिडोर में टोंक रोड से सटाकर जेडीए ने प्लाटिंग कर दी थी। किसानों को भूखंड भी दे दिए गए थे। इसके बाद क्लोअर लीफ की याद आई तो पट्टे निरस्त कर अन्य जगह जमीन दी गई।

काम 1, डीपीआर 2, दोनों में भारी बदलाव

अजमेर रोड व टोंक रोड क्लोअर लीफ के लिए डीपीआर वर्ष 2020 में बनाई गई थी। टेंडर के बाद ठेकेदार को जनवरी 2021 से काम शुरू करना था। कुछ समय बाद भुगतान को लेकर विवाद बढ़ा तो एनएचएआई ने निविदा निरस्त कर दी। जहां कई पाइल का ऊंचाई तक निर्माण हो चुका था। दुबारा डीपीआर बनी। पहले जहां चट्टान बताई गई थी, बाद में मिट्टी बताई। इसके बाद भी रिंग रोड विस्तार को ध्यान में नहीं रखा।

3 अलाइनमेंट में महापुरा भी शामिल

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय आर्य का कहना है कि उत्तरी रिंग रोड की अवाप्ति प्रक्रिया को लेकर जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। इसके लिए तीन अलाइनमेंट प्रस्तावित है। इसमें दहमीकलां, बड़के बालाजी टोल प्लाजा के पास और महापुरा शामिल हैं।

नॉर्थ रिंग के लिए खसरा रिपोर्ट मांगी

एडीएम टू आशीष कुमार का कहना है कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से सितंबर 2024 में नॉर्थ रिंग रोड बनाने के लिए खसरा मैप रिपोर्ट मांगी थी। इसके अलावा अभी अन्य कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। खसरा रिपोर्ट मैप तैयार करने का कार्य जारी है। नॉर्थ रिंग रोड को कहां से शुरू करना है और उसकी क्लोअर लीफ कहां बनानी है, यह नहीं बताया गया।

 सीताराम शर्मा, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी

टी-जंक्शन की बजाय ग्रेड सेपरेटेट इंटर सेक्शन रखा जाए

साउथ रिंग राेड काे अजमेर राेड पर डेड एंड मानकर क्लाेअर लीफ पर टी जंक्शन बनाने की बजाय ग्रेड सेपरेटेट इंटर सेक्शन रखा जाए जाे उत्तरी रिंग राेड साउथ रिंग रोड से सीधी कनेक्ट हो जाएगी और ट्रैफिक काे सुगमता मिलेगी। ट्रैफिक लंबा चक्कर लगाने की बजाय सीधा निकल जाएगा। उत्तरी रिंग काे दूसरी जगह एनएच पर कनेक्ट करने से ट्रैफिक ओवरलेप हाेगा और भविष्य में जाम की स्थिति बनेगी। साउथ रिंग राेड की भांकराेटा में बनने वाले क्लाेअर लीफ काे टी-पाॅइंट नहीं मानकर सीधी उत्तरी रिंग राेड कनेक्ट करने के अनुसार ही प्राेजेक्ट डिजाइन करना चाहिए।