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खुबसूरती के जाल में फंसा ISI महिला एजेंट ने पूछा इंडियन आर्मी का मूवमेंट, एक्सक्लुसीव फुटेज में देखें जासूस प्रकाश ने भेजे सैन्य ठिकानों के फोटो-वीडियो

खुबसूरती के जाल में फंसा ISI महिला एजेंट ने पूछा इंडियन आर्मी का मूवमेंट, एक्सक्लुसीव फुटेज में देखें जासूस प्रकाश ने भेजे सैन्य ठिकानों के फोटो-वीडियो
 
खुबसूरती के जाल में फंसा ISI महिला एजेंट ने पूछा इंडियन आर्मी का मूवमेंट, एक्सक्लुसीव फुटेज में देखें जासूस प्रकाश ने भेजे सैन्य ठिकानों के फोटो-वीडियो

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से पकड़े गए जासूस प्रकाश का खुलासा हुआ है, जिसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए राजस्थान और गुजरात के सैन्य ठिकानों की जासूसी की। जांच में सामने आया है कि प्रकाश ने ISI एजेंटों के नंबर मोबाइल में “बाबाजी”, “वीरजी” और “बाला वीरजी” के नाम से सेव कर रखे थे।

इंटेलिजेंस एजेंसियों ने जब प्रकाश का मोबाइल खंगाला, तो पता चला कि उसने सेना की कई महत्वपूर्ण फोटो और वीडियो सीधे ISI एजेंटों को भेजे थे। जासूस लगातार एजेंटों से चैट करता रहा और कई संवेदनशील सूचनाओं का आदान-प्रदान करता रहा। दैनिक भास्कर ने सूत्रों के हवाले से जासूस और एजेंटों के बीच हुई कुछ चैट के अंश भी जुटाए हैं, जिनसे मामले की गंभीरता सामने आई है।

जांच में यह भी पता चला है कि प्रकाश ने ISI के लिए 4 अलग-अलग सिम कार्ड खरीदे थे। इन सिम नंबरों पर ISI की महिला एजेंट वॉट्सऐप पर लॉगिन करती थी और OTP हासिल कर संचालन करती थी। इसके बाद, भारतीय नंबरों का इस्तेमाल कर बॉर्डर एरिया में तैनात सेना के जवानों को हनीट्रैप में फंसाया जाता था। इस प्रकार, जासूस और एजेंटों का नेटवर्क सीमा पर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया था।

विशेषज्ञों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी प्रकाश ने राजस्थान और गुजरात के कई सैन्य ठिकानों की रेकी की और संवेदनशील फोटो-वीडियो ISI को भेजे। इन तस्वीरों और वीडियोज़ से दुश्मन एजेंसी को भारतीय सेना की गतिविधियों और ठिकानों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो रही थी।

जासूसी के बदले, प्रकाश के बैंक खातों में लाखों रुपए के लेन-देन की पुष्टि भी हुई है। इससे पता चलता है कि जासूस वित्तीय लाभ के लिए भी इस गंभीर अपराध में लिप्त था। जांच एजेंसियों ने अब तक कई बैंक ट्रांजैक्शन की पड़ताल की है और संदिग्ध धनराशि के स्रोत और गंतव्य की जानकारी जुटाई जा रही है।

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में प्रकाश द्वारा भेजी गई सूचनाएं सीमा पर तैनात सैनिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती थीं। अब जांच में यह भी देखा जा रहा है कि कितनी सूचनाएं भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की गई।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि जासूस प्रकाश के गिरफ्तारी के बाद सीमा पर सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। सेना और इंटेलिजेंस एजेंसियां सभी सैन्य ठिकानों की जांच और निगरानी बढ़ा रही हैं। इसके अलावा, मोबाइल और सिम कार्ड के इस्तेमाल पर सख्त नियम लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घातक जासूसी को रोका जा सके।

इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि सीमा सुरक्षा केवल सैनिकों की सक्रियता पर निर्भर नहीं है, बल्कि जासूसी और खुफिया गतिविधियों के खात्मे के लिए सख्त निगरानी और तकनीकी उपाय भी उतने ही जरूरी हैं।