क्या सचमुच डरती है सरकार भानगढ़ के रहस्यों से? वीडियो में जाने क्यों ASI ने सूरज ढलते ही किले में एंट्री पर लगा रखा है प्रतिबंध ?
भारत में रहस्य, पुरातन इतिहास और भूत-प्रेत की कहानियों से भरे कई किले और महल हैं, लेकिन राजस्थान का भानगढ़ किला अपने रहस्य और डरावनी कहानियों के लिए सबसे अधिक चर्चित है। अलवर जिले में स्थित यह ऐतिहासिक धरोहर न सिर्फ एक पुराना किला है, बल्कि भूतिया घटनाओं और तांत्रिक विद्या से जुड़े किस्सों का केंद्र भी रहा है। यही वजह है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने इस किले के प्रवेश पर शाम 6 बजे के बाद पूरी तरह से रोक लगा रखी है।
भानगढ़ किले के बाहर एक स्पष्ट सूचना बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है कि "सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किले में प्रवेश वर्जित है।" यह बोर्ड ASI ने लगाया है, और यह शायद भारत के एकमात्र ऐसे स्मारकों में से है जहां कानूनी रूप से रात में जाने की मनाही है। सवाल यह है कि आखिर क्या कारण है इस पाबंदी का? क्या सरकार को सच में डर है भानगढ़ के रहस्यों से? या फिर यह लोगों की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम है?
भानगढ़ की डरावनी किंवदंती
भानगढ़ किला 17वीं सदी में आमेर के राजा भगवंत दास ने बनवाया था। यह किला राजस्थान की अरावली पहाड़ियों के बीच बसा है और देखने में बेहद खूबसूरत लगता है। लेकिन इसके पीछे जो कथा है, वह किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं।लोककथाओं के अनुसार, भानगढ़ की रानी रत्नावती अत्यंत सुंदर थीं। एक तांत्रिक सिंधु सेवड़ा उन्हें पाने के लिए काले जादू का सहारा लेने लगा। उसने रानी पर वशीकरण मंत्र चलाने की कोशिश की, लेकिन उसकी चाल उलटी पड़ गई और वह स्वयं ही मारा गया। मरते समय उसने भानगढ़ पर श्राप दे दिया कि यहां के सारे निवासी जल्दी ही नष्ट हो जाएंगे और यह जगह वीरान हो जाएगी।उसके बाद किले पर हमला हुआ और भारी नरसंहार हुआ। माना जाता है कि तभी से यह किला और इसके आसपास का क्षेत्र भूतिया घटनाओं का गवाह बन गया।
वैज्ञानिक और प्रशासनिक पहलू
हालांकि विज्ञान इन बातों को अंधविश्वास मानता है, लेकिन यह सच है कि भानगढ़ में शाम के बाद माहौल पूरी तरह बदल जाता है। घना सन्नाटा, जंगली जानवरों की आहटें और वीराने की खामोशी वहां अजीब-सा डर पैदा करती है। कई पर्यटकों ने यह दावा किया है कि उन्होंने वहां रात को अजीब-अजीब आवाजें सुनीं या परछाइयां देखीं।ASI का कहना है कि शाम के बाद किले में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कठिन हो जाती है और कोई दुर्घटना न हो इसलिए यह नियम लगाया गया है। किले की संरचना पुरानी है और रात में वहां घूमना खतरे से खाली नहीं है।
कानून का उल्लंघन बना मुसीबत
कुछ लोग रोमांच की तलाश में इस कानून को तोड़कर रात में किले में घुसने की कोशिश करते हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस ऐसे मामलों में सख्ती बरतती है। कई युवाओं को गिरफ्तार भी किया गया है। यहां तक कि स्थानीय लोग भी शाम ढलते ही उस इलाके से दूर चले जाते हैं।
पर्यटन बनाम रहस्य
भानगढ़ किला आज देश-विदेश से आए पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य है। कई लोग इसे रोमांच और भय के मिश्रण के रूप में अनुभव करना चाहते हैं। लेकिन वहीं सरकार और ASI इस ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए नियमों का पालन जरूरी मानते हैं।कुल मिलाकर, यह कहना गलत नहीं होगा कि चाहे भानगढ़ किले के रहस्य सच हों या सिर्फ कहानियाँ, पर वहां का माहौल, इतिहास और लोककथाएं इसे भारत का सबसे रहस्यमय किला जरूर बनाते हैं। और शायद यही वजह है कि सरकार भी यहां कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती — न सुरक्षा के मामले में और न ही जनता के मन में बसे इस रहस्य को तोड़ने के प्रयास में।
