रणथंभौर में आज से शुरू 'इंटरनेशनल टाइगर वीक ', ऑस्कर नॉमिनेटेड डॉक्यूमेंट्री की होगी विशेष स्क्रीनिंग

बाघ संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए रणथंभौर में आज यानी शुक्रवार से तीन दिवसीय 'रॉयल रणथंभौर अंतरराष्ट्रीय बाघ सप्ताह 2025' शुरू हो गया है। 'बाघों की नगरी' के नाम से विख्यात सवाई माधोपुर में 11 से 13 अप्रैल तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में देश-विदेश के वन्यजीव विशेषज्ञ, पर्यावरणविद् और विभिन्न देशों के राजदूत भाग लेंगे। यह कार्यक्रम 'लाइव4फ्रीडम' द्वारा अमा वैली वन्यजीव रिसॉर्ट में आयोजित किया जा रहा है। शनिवार को कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी करेंगे।
बाघ संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर होगी चर्चा
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में बाघ संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर गहनता से चर्चा की जाएगी। वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ, राजस्थान पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, बाघों की आबादी वाले देशों के राजनयिक, प्रसिद्ध वन्यजीव फोटोग्राफर और लेखक अपने विचार साझा करेंगे। इस दौरान वन्यजीव संरक्षण में चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर विस्तृत चर्चा होगी।
ऑस्कर-नामांकित फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग होगी
इस कार्यक्रम में ऑस्कर-नामांकित फिल्म निर्माता सुब्बैया नल्लामुथु की बाघों पर बनी डॉक्यूमेंट्री की विशेष स्क्रीनिंग भी होगी। इसके अलावा, बाघ संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा। दूसरे दिन जंगल सफारी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम की रूपरेखा
शुक्रवार का कार्यक्रम दिन के खंडों में विभाजित है। प्रथम सत्र में विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के वरिष्ठ निदेशक डाॅ. दीपांकर घोष प्रत्येक सत्र का परिचय देंगे। पहले दिन पंजाब के पूर्व राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर और 'टाइगर मैन' दौलत सिंह शक्तिवत मानव और बाघों के बीच संघर्ष और इसके समाधान पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
दूसरे सत्र में फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म (एफएचटीआर) के अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला और आउटलुक ट्रैवलर के सहायक संपादक कार्तिकेय शंकर भाग लेंगे। तीसरे दिन, "रीवाइल्डिंग: इंडियाज कंजर्वेशन एथोस" में बॉलीवुड संगीतकार और गायक अभिषेक रे संरक्षण के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा करेंगे।
शनिवार, 12 अप्रैल को "राजस्थान - बाघ संरक्षण का मुकुटमणि", "जंगल के बाहर - कल के आवासों को सुरक्षित करना", "वन के संरक्षक - वन्यजीव अपराध और अवैध शिकार से निपटने में नवाचार" और "जंगल के परिप्रेक्ष्य से - भारत में वन्यजीव फिल्म निर्माण का उदय" जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए जाएंगे।
आईटीडब्ल्यू 2025 पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाएगा
अंतर्राष्ट्रीय बाघ सप्ताह 2025 के अंतिम दिन बाघ संरक्षण एवं वन्यजीव विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं एवं संगठनों को सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में दिए जाएंगे, जैसे '40 वर्ष से कम आयु के संरक्षणकर्ता', 'उभरते एनजीओ', 'अनंत बजाज वन्यजीव परोपकारी', 'रॉयल रणथंभौर टाइगर वॉरियर्स', 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड', 'सबसे बड़ी बाघ आबादी वाला टाइगर रिजर्व' और 'सबसे बड़ी बाघ आबादी वाला भारतीय राज्य'।
वन्यजीव संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी: सुनील मंगल
अंतरराष्ट्रीय बाघ सप्ताह के संस्थापक सुनील मंगल ने कहा कि बाघों और अन्य वन्यजीवों को बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, क्योंकि प्रकृति और मानव जीवन आपस में बहुत जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि आईटीडब्ल्यू एक ऐसा मंच है जहां वन्यजीव संरक्षणवादी और पर्यावरणविद् संरक्षण चुनौतियों, उनके समाधान और वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे।