Aapka Rajasthan

जैसलमेर की तपती रेत पर गरजे भारतीय सेना के ‘स्टील बीस्ट्स’, फायरपावर प्रदर्शन से कांप उठा पश्चिमी सीमा का इलाका

जैसलमेर की तपती रेत पर गरजे भारतीय सेना के ‘स्टील बीस्ट्स’, फायरपावर प्रदर्शन से कांप उठा पश्चिमी सीमा का इलाका
 
जैसलमेर की तपती रेत पर गरजे भारतीय सेना के ‘स्टील बीस्ट्स’, फायरपावर प्रदर्शन से कांप उठा पश्चिमी सीमा का इलाका

राजस्थान के जैसलमेर की तपती रेत पर भारतीय सेना का विशाल युद्ध अभ्यास 'ब्लेज़िंग सैंड्स' शुरू हो गया है। इस विशेष अभ्यास का आयोजन भारतीय सेना की दक्षिणी कमान द्वारा किया गया है। इसमें सेना की बख्तरबंद रेजीमेंटों, आधुनिक टैंकों, आईएफवी (इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल्स) और विशेष अभियान इकाइयों ने भाग लिया। पश्चिमी सीमा रेगिस्तान में टैंकों की गर्जना और युद्धक वाहनों की तेज़ रफ़्तार से गूंज उठी। 'स्टील बीस्ट्स' के नाम से मशहूर इन टैंकों ने अपनी सटीक चाल और मारक क्षमता से इस अभ्यास को एक वास्तविक युद्ध जैसी स्थिति में बदल दिया।

इस युद्ध अभ्यास में सेना ने उच्च स्तरीय युद्ध समन्वय, संचार, नौवहन और मारक क्षमता का परीक्षण किया। इस अभ्यास का उद्देश्य सैनिकों के बेजोड़ धैर्य यानी मानसिक शक्ति और दृढ़ मनोबल का भी परीक्षण करना था।सेना ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारतीय सेना ने रेगिस्तान की धड़कन थाम ली है और पश्चिमी सीमा पर अब केवल भारत का ही राज होगा। इस अभ्यास ने साबित कर दिया कि भारतीय सेना हर परिस्थिति में दुश्मन का सामना करने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब तक 2 बड़े सैन्य अभ्यास
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारतीय सेना ने जैसलमेर की रेतीली धरती पर एक और ज़बरदस्त सैन्य अभ्यास 'ऑपरेशन ड्रिल' किया। इस अभ्यास के दौरान सेना ने अपनी तेज़ कार्यशैली, युद्ध तत्परता और दुश्मन के ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता का प्रदर्शन किया।

अभ्यास के दौरान सेना के जवानों ने सिर्फ़ 15 मिनट में एक नहर पर पुल बनाकर सबको चौंका दिया। यह पुल सीमावर्ती इलाकों में तेज़ आवाजाही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया था। इतना ही नहीं, अभ्यास के दौरान जवानों ने बारूदी सुरंगों की पहचान और उन्हें निष्क्रिय करने की चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया।