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भारतीय सेना ने शुरू किया ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’, सुरक्षा और युद्ध की तैयारियों को बढ़ाया

भारतीय सेना ने शुरू किया ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’, सुरक्षा और युद्ध की तैयारियों को बढ़ाया
 
भारतीय सेना ने शुरू किया ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’, सुरक्षा और युद्ध की तैयारियों को बढ़ाया

भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने में जुटा हुआ है। देश की तीनों सेनाओं – थलसेना, नौसेना और वायुसेना – को आधुनिक तकनीक और उन्नत हथियारों से लैस करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में न केवल सैन्य उपकरणों की खरीदारी बढ़ाई जा रही है, बल्कि जवानों की युद्धक दक्षता और रणनीतिक तैयारियों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, पड़ोसी देशों की बढ़ती सैन्य गतिविधियों और क्षेत्रीय तनाव को देखते हुए भारत की सैन्य तैयारियों को और भी मजबूत बनाना आवश्यक है। इसी कड़ी में भारतीय सेना की सुदर्शन चक्र कोर के अंतर्गत आने वाली शहबाज़ डिवीजन ने बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’ शुरू किया है। यह अभ्यास देश की सीमाओं की सुरक्षा और युद्धक रणनीतियों की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’ में थलसेना की विभिन्न ब्रिगेड और बटालियन्स भाग ले रही हैं। इस अभ्यास में आधुनिक हथियारों, बख्तरबंद गाड़ियों, टैंक और लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले तोपखाने का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, सैनिकों को दुश्मन की रणनीति का सामना करने और सीमांत क्षेत्रों में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

अभ्यास के दौरान जवानों को वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में मुकाबला करने का मौका मिलेगा। इसमें जमीन, हवा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीकों को भी शामिल किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभ्यास सैनिकों की मानसिक और शारीरिक क्षमता को परखने के साथ-साथ उनकी टीम वर्क और नेतृत्व कौशल को भी बढ़ाएगा।

सुरक्षा विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस प्रकार के युद्धाभ्यास भारत की सामरिक तैयारियों को दिखाने का एक सशक्त माध्यम हैं। यह न केवल देश के भीतर सुरक्षा बलों के मनोबल को बढ़ाता है, बल्कि पड़ोसी देशों को भी भारत की क्षमता और सतर्कता का संदेश देता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपनी सैन्य रणनीति में तकनीकी उन्नयन और युद्धक अभ्यासों को प्राथमिकता दी है। ऐसे अभ्यासों से सेना को वास्तविक परिस्थितियों में निर्णय लेने और त्वरित कार्रवाई करने का अनुभव मिलता है।

भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि ‘एक्सरसाइज मरु ज्वाला’ का उद्देश्य न केवल सैनिकों की दक्षता बढ़ाना है, बल्कि सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा और सतर्कता सुनिश्चित करना भी है। इसके अलावा, यह अभ्यास आधुनिक युद्ध तकनीक और हथियारों के समन्वय को परखने का भी अवसर प्रदान करता है।

देश की सुरक्षा और सैनिकों की क्षमता बढ़ाने के लिए इस प्रकार के युद्धाभ्यास निरंतर जारी रहेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और सतर्कता क्षेत्रीय शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारतीय सेना का यह कदम न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करता है, बल्कि देशवासियों के मन में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को भी प्रबल बनाता है।