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चूरू के रतनगढ़ में वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट हुआ क्रैश! मलबे से बरामद हुए 2 नागरिकों के शव, इलाके में मचा हड़कंप

चूरू के रतनगढ़ में वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट हुआ क्रैश! मलबे से बरामद हुए 2 नागरिकों के शव, इलाके में मचा हड़कंप
 
चूरू के रतनगढ़ में वायुसेना का जगुआर फाइटर जेट हुआ क्रैश! मलबे से बरामद हुए 2 नागरिकों के शव, इलाके में मचा हड़कंप

राजस्थान के चूरू जिले के रतनगढ़ क्षेत्र के भानुदा गाँव में बुधवार को एक सैन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मौके से 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। घटना के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासन की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। ग्रामीणों की जानकारी के अनुसार, आसमान में तेज आवाज के बाद खेतों में आग की लपटें और धुआं उठता देखा गया।

दुर्घटनाग्रस्त विमान भारतीय वायुसेना का जगुआर है। सेना और स्थानीय प्रशासन द्वारा शव की पहचान की प्रक्रिया की जा रही है। हादसे की खबर फैलते ही रतनगढ़ में हड़कंप मच गया। कलेक्टर अभिषेक सुराणा और स्थानीय पुलिस अधिकारी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। सेना का बचाव दल भी मौके पर पहुँचने वाला है, ताकि घटनास्थल को सील करके जाँच शुरू की जा सके।

ग्रामीणों ने बताया कि विमान दुर्घटना के तुरंत बाद खेतों में आग लग गई। जिसे ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बुझाने का प्रयास किया। घटना के विस्तृत कारणों की पुष्टि सेना द्वारा की जाएगी। बताया जा रहा है कि विमान एक पेड़ पर गिरा। जिससे पेड़ भी पूरी तरह जल गया। जिस जगह विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है वह रेगिस्तानी इलाका है।

चूरू के एसपी जय यादव ने बताया कि सेना का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। विमान एक पेड़ पर गिर गया है। जिससे पेड़ भी जल गया। मौके से 2 शव बरामद किए गए हैं। सेना की टीम भी दुर्घटनास्थल पर पहुँच गई है। फिलहाल, विमान का मलबा इकट्ठा करने का काम सेना की टीम द्वारा किया जा रहा है।

इससे पहले गुजरात के जामनगर में जगुआर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था

इससे पहले, भारतीय वायुसेना का जगुआर लड़ाकू विमान 2 अप्रैल 2025 को गुजरात के जामनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जामनगर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान दो सीटों वाला था। यह विमान रात के समय दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। विमान दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी बताया गया था। विमान के उड़ान भरते ही यह हादसा हुआ। आपको बता दें कि जगुआर लड़ाकू विमान को SEPECAT जगुआर के नाम से भी जाना जाता है। इस विमान का इस्तेमाल पहले ब्रिटिश और फ्रांसीसी वायुसेना करती थी।