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कुछ मिनटों के इस वीडियो में देखे थार डेजर्ट की रेत में छिपे 8 ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, जिन्हें देखे बिना अधूरी मानी जाती है राजस्थान यात्रा

कुछ मिनटों के इस वीडियो में देखे थार डेजर्ट की रेत में छिपे 8 ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, जिन्हें देखे बिना अधूरी मानी जाती है राजस्थान यात्रा
 
कुछ मिनटों के इस वीडियो में देखे थार डेजर्ट की रेत में छिपे 8 ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, जिन्हें देखे बिना अधूरी मानी जाती है राजस्थान यात्रा

राजस्थान का थार मरुस्थल केवल सुनहरी रेत की विस्तृत चादरों और ऊंटों की सवारी तक ही सीमित नहीं है। इस गर्म और विशाल रेगिस्तान की गहराइयों में छिपे हैं ऐसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थल, जो किसी भी इतिहास प्रेमी या रोमांच के शौकीन सैलानी को चौंका सकते हैं। ये स्थल सिर्फ पत्थरों की इमारतें नहीं, बल्कि राजस्थान की शौर्यगाथाओं, लोककथाओं और परंपराओं की जीवंत झलक पेश करते हैं।अगर आप भी थार डेजर्ट की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ये ऐतिहासिक पर्यटन स्थल जरूर अपनी लिस्ट में शामिल करें, क्योंकि इनकी भव्यता, रहस्य और सांस्कृतिक मूल्य हर पर्यटक को एक बार यहां आने के लिए मजबूर कर देते हैं।


1. जैसलमेर का किला (Sonar Quila)

थार के हृदयस्थल में स्थित जैसलमेर का किला, जिसे सोनार किला या गोल्डन फोर्ट कहा जाता है, पीले बलुआ पत्थर से बना ऐसा अद्भुत दुर्ग है जो दिन के प्रकाश में सोने जैसा चमकता है। यह किला 1156 ई. में रावल जैसल द्वारा बनवाया गया था और यह आज भी सजीव दुर्गों में गिना जाता है, क्योंकि इसमें लोग आज भी रहते हैं। किले के अंदर मंदिर, हवेलियाँ, बाजार और ऐतिहासिक घर इस जगह को एक जीवित विरासत स्थल बनाते हैं।

2. तनोट माता मंदिर
भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित तनोट माता मंदिर, न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारत-पाक युद्धों के दौरान चमत्कारी घटनाओं के कारण यह आस्था का प्रतीक बन चुका है। 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी बम इस मंदिर के पास गिरने के बावजूद फटे नहीं, जिससे यह स्थान रहस्य और चमत्कारों से जुड़ गया।

3. कुलधरा गांव
जैसलमेर के पास स्थित कुलधरा एक प्राचीन परित्यक्त गांव है, जो अपनी भूतिया कहानियों और रहस्यमय इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि यह गांव एक रात में 84 गांवों के साथ मिलकर खाली कर दिया गया था और तब से यह वीरान पड़ा है। यहां की वास्तुकला आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है और इस स्थान को "भूतिया गांव" के नाम से भी जाना जाता है।

4. गड़ीसर झील
गड़ीसर झील जैसलमेर का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक जलाशय है जिसे राजा रावल जैसल ने 14वीं सदी में बनवाया था। यह झील रेगिस्तान में जल का प्राचीन स्रोत रही है। इसके चारों ओर बने सुंदर मंदिर, छतरियाँ और घाट इसे एक शांतिपूर्ण व दर्शनीय स्थल बनाते हैं।

5. लोधुरवा के खंडहर
जैसलमेर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित लोधुरवा, कभी भाटी राजपूतों की राजधानी रहा करता था। यहां के जैन मंदिर और खंडहरनुमा संरचनाएं इसकी ऐतिहासिक महत्ता को दर्शाते हैं। विशेष रूप से पारीवाल जैन मंदिर अपनी अद्वितीय स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है।

6. खाबा किला और गांव
थार की रेत में छिपा खाबा गांव भी कुलधरा की तरह एक वीरान गांव है। यहां स्थित खाबा किला प्राचीन काल में ग्रामीणों की रक्षा करता था। अब यह एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है, जहाँ से थार की खूबसूरती और रहस्य दोनों को निहारा जा सकता है।

7. सम और खुरी के रेत के टीले
अगर आप थार का असली अनुभव लेना चाहते हैं, तो सम और खुरी के रेत के टीले जरूर जाएं। यहां ऊंट सफारी, लोक संगीत, राजस्थानी नृत्य और रेत में डूबते सूरज का दृश्य हर सैलानी को मंत्रमुग्ध कर देता है। ये टीले भले ही प्राकृतिक हों, लेकिन यहां की लोकसंस्कृति इन्हें पर्यटन का ऐतिहासिक केंद्र बना देती है।

8. पोकरण किला
पोकरण का किला थार रेगिस्तान की एक और विरासत है, जो अपने इतिहास, युद्धों और सामरिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। यहीं भारत का पहला परमाणु परीक्षण 1974 में हुआ था। किले की संरचना और आसपास के इलाके इसे इतिहास और भू-राजनीति दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण बनाते हैं।