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इस राज्य में बच्चा जन्म लेते ही हो जाता है कर्जदार, जानें पूरा मामला

 
इस राज्य में बच्चा जन्म लेते ही हो जाता है कर्जदार, जानें पूरा मामला

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार अपना पहला बजट जारी कर चुकी है। सरकार का पहला बजट में प्रदेश के लिए कई घोषणाएं की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में कर्ज का भार भी लगातार बढ़ता जा रहा है। आज राजस्थान में यदि प्रति व्यक्ति कर्ज की बात करें तो पैदा होने के साथ ही एक छोटे बच्चे पर करीब 70 हजार रुपए का कर्ज हो जाता है।5 साल में राजस्थान सरकार पर हो जाएगा इतना कर्जराजस्थान इतना ज्यादा कर्ज में डूब चुका है कि कर्ज की किस्त चुकाने के लिए भी सरकार को कर्ज लेना पड़ता है। सरकार ने जब फरवरी महीने में अपना लेखानुदान जारी किया था उस वक्त ही सरकार ने बता दिया था कि सरकार इस साल भी करीब 67240 करोड रुपए का कर्ज लेगी। यदि सरकार इसी तरह से कर्ज लेती रही तो 5 साल में यह राशि 3.5 लाख करोड़ हो जाएगी।

3 दशक में राजस्थान में ऐसे बढ़ता गया कर्जा

राजस्थान में पिछले करीब तीन दशक से कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। क्योंकि सरकार आर्थिक उदारीकरण की बजाय कर्ज लेने में ज्यादा आगे रही। इस दौरान यदि बात करें सरकारों की तो पांच बार भारतीय जनता पार्टी और तीन बार कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन दोनों ने ही एक दूसरे पर कर्ज लेने के आरोप लगाए लेकिन किसी ने भी इस कर्ज को कम करने के लिए काम नहीं किया। 1990 के दौरान प्रदेश पर कर्ज 6127 करोड रुपए था। लेकिन वर्तमान में यह 5 लाख 79 हजार 781 करोड़ रुपए हो चुका है।

गहलोत सरकार के वक्त था इतना कर्जा

राजस्थान में पिछली मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने भी अपने कार्यकाल में 2.24 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया। इसमें से केवल 93 हजार करोड़ रुपए प्रदेश में स्थाई संपत्ति बनाने को लेकर खर्च किए गए। जबकि 60% हिस्सा सरकार के द्वारा प्रदेश की दैनिक जरूरत को पूरा करने में ही खर्च हो गया। यदि अब कुल कर्ज का बंटवारा प्रदेश के प्रति व्यक्ति के हिसाब से करें तो यह राशि 70 हजार रुपए होती है।