वायरल डॉक्यूमेंट्री में जानिए वो खौफनाक अनुभव जो यहां जाने वाले लोगों को हुए महसूस, जानकर काँप जाएगी रूह

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला आज भी रहस्य, डर और रहस्यमयी घटनाओं का प्रतीक बना हुआ है। दिन के उजाले में ये किला भव्य और ऐतिहासिक लगता है, लेकिन जैसे ही सूरज ढलता है, इस किले की फिजा बदल जाती है। सरकार की ओर से भी यह साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि सूर्यास्त के बाद कोई भी व्यक्ति इस किले में प्रवेश न करे। पर ऐसा क्यों? क्या वाकई यहां कोई अलौकिक शक्ति है? क्या लोगों ने यहां कुछ ऐसा महसूस किया है जो सामान्य नहीं था? आइए जानते हैं उन खौफनाक अनुभवों को जो लोगों ने भानगढ़ में महसूस किए और आज भी याद करके कांप उठते हैं।
भानगढ़ किले में रात बिताने की कोशिश, जो बना डरावना अनुभव
कुछ साल पहले दिल्ली से एक पैरानॉर्मल रिसर्च ग्रुप ने भानगढ़ में रात बिताने की योजना बनाई। उन्होंने कैमरे, साउंड रिकॉर्डर और कई आधुनिक उपकरणों के साथ यहां रिसर्च करना शुरू किया। पहले तो सब सामान्य लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे रात गहराई, अजीब घटनाएं होने लगीं। किसी के रोने की आवाज, हवा में अचानक भारीपन, और दीवारों से आती सिसकियों ने पूरी टीम को भयभीत कर दिया। सुबह होते ही उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि “भानगढ़ में कुछ ऐसा है, जिसे विज्ञान आज भी नहीं समझ सका।”
पर्यटकों ने सुनी चीखें और देखी परछाइयां
भानगढ़ घूमने आने वाले कई पर्यटकों ने साझा किया है कि उन्होंने दिन के समय भी वहां अजीब चीजें महसूस कीं। कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने वहां किसी महिला के रोने की आवाजें सुनीं, जबकि आसपास कोई भी नहीं था। एक पर्यटक ने बताया कि उसे ऐसा लगा कि कोई उसकी पीठ पर हाथ रखकर चल रहा है, लेकिन पीछे देखने पर कोई नहीं था।
मोबाइल और कैमरा हो जाते हैं बंद
भानगढ़ आने वाले कई लोगों ने दावा किया है कि जैसे ही वे किले के अंदर घुसते हैं, उनके मोबाइल फोन काम करना बंद कर देते हैं। कैमरे की रिकॉर्डिंग अपने आप रुक जाती है या बैटरी अचानक खत्म हो जाती है। यह सब एक सामान्य तकनीकी खराबी लग सकती है, लेकिन जब बार-बार ऐसा हो तो डर लगना स्वाभाविक है।
मंदिरों की घंटियां और बिन शरीर की आहटें
भानगढ़ किले में कई मंदिर हैं जो अब खंडहर बन चुके हैं। रात के समय कई लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने उन मंदिरों में घंटियों की आवाज सुनी, जबकि वहां कोई पुजारी या भक्त मौजूद नहीं था। कुछ ने तो यह भी कहा कि उन्होंने किसी के चलने की आहट सुनी, लेकिन वहां कोई दिखाई नहीं दिया।
पुरानी प्रेमकहानी का खौफनाक अंत
भानगढ़ से जुड़ी एक लोककथा बहुत प्रसिद्ध है जिसमें कहा जाता है कि एक तांत्रिक ने भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती को पाने के लिए तंत्र प्रयोग किया था। राजकुमारी ने उसकी साजिश को नाकाम कर दिया और उस तांत्रिक की मौत हो गई। मरते समय उसने पूरे भानगढ़ को श्राप दे दिया कि यह नगर कभी आबाद नहीं रहेगा। कहा जाता है कि उसी श्राप के कारण आज भी यह जगह वीरान और डरावनी बनी हुई है।
स्थानीय लोग क्यों नहीं जाते किले के पास
भानगढ़ के आसपास के गांवों के लोग सूर्यास्त के बाद उस ओर जाने से साफ मना कर देते हैं। उनका मानना है कि किले में आत्माएं आज भी भटक रही हैं और वहां जाना किसी अनहोनी को न्यौता देना है। कई लोगों ने अपने मवेशियों को रात में भानगढ़ की तरफ जाते देखा और अगली सुबह वे मृत मिले। ऐसी घटनाओं ने स्थानीय लोगों के डर को और भी पुख्ता कर दिया है।
वैज्ञानिक भी मानते हैं 'कुछ तो है'
हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूत-प्रेत जैसी चीजों का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है, लेकिन कई बार वैज्ञानिक भी भानगढ़ में होने वाली घटनाओं को पूरी तरह खारिज नहीं कर सके हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने यहां मैग्नेटिक फील्ड में असामान्य उतार-चढ़ाव पाए हैं, जो मानसिक स्थिति पर असर डाल सकते हैं। लेकिन इस थ्योरी से सब सवालों का जवाब नहीं मिलता।