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महादेव बेटिंग ऐप केस में ED ने जयपुर में ड्राई-फ्रूट व्यापारी के घर छापा, 5 राज्यों में एक साथ 60 ठिकानों पर बड़ा एक्शन

 
महादेव बेटिंग ऐप केस में ED ने जयपुर में ड्राई-फ्रूट व्यापारी के घर छापा, 5 राज्यों में एक साथ 60 ठिकानों पर बड़ा एक्शन 

महादेव बेटिंग एप मामले में छत्तीसगढ़ से आई ईडी की टीम ने बुधवार को जयपुर में ड्राई फ्रूट कारोबारी के घर पर छापा मारा। ईडी की टीम सोडाला स्थित एप्पल रेजीडेंसी में कारोबारी भरत दाधीच के फ्लैट की तलाशी ले रही है। टीम के साथ सुरक्षा बल भी तैनात है। दरअसल, आज महादेव बेटिंग एप से जुड़े लोगों के 60 ठिकानों की तलाशी ली जा रही है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़, भोपाल (मध्य प्रदेश), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), दिल्ली और राजस्थान में एक साथ चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, कई बड़े नेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के मुख्य संचालकों और अन्य व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। ईडी को जयपुर से मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो करेंसी और शेल कंपनियों से जुड़े सबूत मिले थे। इसी आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। जयपुर के कई बड़े कारोबारी भी ईडी की रडार पर हैं, जिनके खाते महादेव बेटिंग एप से जुड़े पाए गए हैं।

अवैध सट्टा रैकेट में बड़े खुलासे की संभावना
छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जिनमें से कुछ में अवैध सट्टा रैकेट में शामिल प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता का पता चलता है। आने वाले दिनों में इस छापेमारी अभियान में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

महादेव बुक अवैध रूप से करोड़ों का लेनदेन करता है
महादेव बुक पिछले कुछ सालों में भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन सट्टेबाज़ प्लेटफ़ॉर्म में से एक बन गया है। यह ऐप और वेबसाइट के ज़रिए अवैध रूप से करोड़ों रुपए का लेनदेन करता है और क्रिकेट, फ़ुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगाता है। इसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी पिछले साल इस घोटाले की जांच की और कई करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की। महादेव बुक से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया।

जूस बेचने वाले ने खड़ा किया सट्टा रैकेट, महादेव बेटिंग ऐप की कहानी
छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में वाटर पंप ऑपरेटर के पद पर काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही 'जूस फैक्ट्री' नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाते थे। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हुई. रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. 2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टे के जरिए पैसे कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट पर यूजर कम थे और इससे कमाई भी बहुत कम होती थी। सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान थी।

सौरभ 2019 में नौकरी के लिए दुबई गया था. कुछ समय बाद सौरभ ने रवि को भी दुबई बुला लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने सट्टे की वेबसाइट के जरिए पैसे कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन नाम से सट्टे की वेबसाइट और ऐप बनाया. सोशल मीडिया और दूसरे तरीकों से इसका प्रचार-प्रसार करना शुरू किया. सौरभ ने महादेव कंपनी का कारोबार बढ़ाने के लिए 2 तरीके अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर्स के जरिए ऐप का प्रचार-प्रसार करवाया। दूसरा- दूसरे सट्टे के ऐप और वेबसाइट खरीदे।