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जयपुर में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का राजपूत सभा भवन में हंगामा, फुटेज में जानें हॉस्टल व्यवस्था पर लगाए गंभीर आरोप

जयपुर में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का राजपूत सभा भवन में हंगामा, फुटेज में जानें हॉस्टल व्यवस्था पर लगाए गंभीर आरोप
 
जयपुर में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का राजपूत सभा भवन में हंगामा, फुटेज में जानें हॉस्टल व्यवस्था पर लगाए गंभीर आरोप

राजस्थान की राजधानी जयपुर में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा द्वारा राजपूत सभा भवन में किए गए हंगामे का मामला सामने आया है। इस घटनाक्रम से राजपूत समाज से जुड़े संगठनों और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। हंगामे की स्थिति को देखते हुए राजपूत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई मौके से चले गए, जिससे मामला और गरमा गया।

जानकारी के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम सिंधी कैंप स्थित राजपूत हॉस्टल और उससे जुड़े राजपूत सभा भवन से जुड़ा हुआ है। दरअसल, बुधवार को पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा राजपूत हॉस्टल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने हॉस्टल परिसर की दीवार कूदकर अंदर प्रवेश किया, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में गुढ़ा हॉस्टल की मौजूदा स्थिति पर नाराजगी जताते नजर आ रहे हैं।

राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने आरोप लगाया कि जिस हॉस्टल में उन्होंने खुद शिक्षा प्राप्त की थी, वहां पिछले करीब 50 वर्षों में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि छात्रों के हित में बनाए गए इस हॉस्टल की स्थिति बेहद खराब है और इसे कंटीले तारों से घेर दिया गया है, जिससे यह किसी छात्रावास की बजाय तिहाड़ जेल जैसा दिखाई देता है। गुढ़ा का कहना था कि शिक्षा के मंदिर को इस तरह से घेरना शर्मनाक है और यह छात्रों के सम्मान के खिलाफ है।

पूर्व मंत्री ने हॉस्टल प्रबंधन पर गंभीर आर्थिक आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों से कथित तौर पर 50-50 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। गुढ़ा ने सवाल उठाया कि आखिर यह पैसा किस आधार पर और किस उद्देश्य से लिया जा रहा है। उन्होंने इसे छात्रों का खुला शोषण करार देते हुए कहा कि समाज के नाम पर चल रहे संस्थानों में पारदर्शिता होनी चाहिए।

हॉस्टल दौरे के बाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा राजपूत सभा भवन पहुंचे, जहां इस मुद्दे को लेकर उनकी तीखी बहस हो गई। देखते ही देखते माहौल गर्मा गया और हंगामे की स्थिति बन गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुढ़ा ने सभा पदाधिकारियों से जवाब मांगने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ती देख राजपूत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई भवन छोड़कर चले गए।

इस पूरे मामले पर राजपूत समाज के भीतर भी मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं। कुछ लोग गुढ़ा के आरोपों को गंभीर बताते हुए हॉस्टल प्रबंधन की जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि इस तरह सार्वजनिक हंगामा करना उचित नहीं है और मामले को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए था।

फिलहाल, इस घटनाक्रम पर हॉस्टल प्रबंधन या राजपूत सभा की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वहीं, प्रशासन भी मामले की जानकारी जुटा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यदि आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों की पुष्टि होती है, तो संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा सकती है।

यह मामला अब सिर्फ एक हॉस्टल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाजिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली, पारदर्शिता और छात्रों के अधिकारों पर भी सवाल खड़े कर रहा है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर प्रतिक्रिया और तेज होने की संभावना है।