Jaipur Panna Meena ka Kund से जुडी जरूरी जानकारियाँ और रहस्य, जानिए
जयपुर न्यूज़ डेस्क, पन्ना मीना की बावड़ी राजस्थान का एक पर्यटन स्थल है, जो आमेर, जयपुर में स्थित है। इसे पन्ना मीना कुंड के नाम से भी जाना जाता हैं। अत्यंत आकर्षक इस बावड़ी के एक ओर जयगढ़ दुर्ग व दूसरी ओर पहाड़ों की नैसर्गिक सुंदरता है।
आमेर के राजमहलों से कुछ दूरी पर स्थित रियासतकालीन कारीगरी का बेजोड़ नमूना पन्ना मीना का कुंड अद्भुत आकार की सीढ़ियों, अष्टभुजा किनारों और बरामदों के लिए विख्यात है। आभानेरी की ‘चाँद बावड़ी’ तथा हाड़ी रानी की बावड़ी के समान ही इसमें भी तीन तरफ़ सीढ़ियाँ हैं।
इसके चारों किनारों पर छोटी-छोटी छतरियां और लघु देवालय इसे मनोहारी रूप प्रदान करते हैं। या बाउरी पुराने समय में जल भंडार के लिए बनाया गया था। इस बाओरी को पन्ना मीना बाउरी या पन्ना मीणा कुंड कहलाता है।
इस कुंड के बारे में कोई इतिहास या रिकॉर्ड नहीं है। हालाँकि मानना हैं की महाराजा जय सिंह के शासनकाल के दौरान, पन्ना मीना नामक व्यक्ति ने आमेर किले की शाही अदालत में सेवा की और वह इस बाउरी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था। इसलिए इसका नाम पन्ना मीना बाउरी पड़ा।
हालाँकि पन्ना मीणा का कुंड बदहाल होता जा रहा है। पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते कुंड के भीतर कई जगहों से दीवारों से प्लास्टर टूट रहा है। जगह-जगह सीलन आने से दीवारों का रंग-बदरंग हो रहा है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने 16 प्रचीन बावड़ियों पर डाक टिकट जारी किये थे। राजस्थान की इन बावड़ियों में आभानेरी की प्रसिद्ध चांद बावड़ी, बूंदी की रानीजी की बावड़ी एवं नागर सागर कुंड, अलवर जिले की नीमराना बावड़ी, जोधपुर का तूर जी का झालरा, और जयपुर की पन्ना मियां की बावड़ी, शामिल हैं।
