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एनसीआर में ग्रैप-4 पाबंदी का राजस्थान के उद्योगों पर असर: 8 हजार कंपनियों में संकट, कई घटा सकते हैं श्रमिकों की संख्या

एनसीआर में ग्रैप-4 पाबंदी का राजस्थान के उद्योगों पर असर: 8 हजार कंपनियों में संकट, कई घटा सकते हैं श्रमिकों की संख्या
 
एनसीआर में ग्रैप-4 पाबंदी का राजस्थान के उद्योगों पर असर: 8 हजार कंपनियों में संकट, कई घटा सकते हैं श्रमिकों की संख्या

एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) में लागू ग्रैप-4 पाबंदी का असर राजस्थान के उद्योगों पर भी दिखने लगा है। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 8 हजार उद्योग और कंपनियां इस पाबंदी के कारण संकट का सामना कर रही हैं। कई कंपनियां अब श्रमिकों की संख्या घटाने और संचालन में कटौती करने की तैयारी में हैं।

व्यापारियों और उद्योगपतियों का कहना है कि ग्रैप-4 पाबंदी के तहत लागू नियमों और प्रतिबंधों ने उत्पादन, आपूर्ति और कामकाजी माहौल पर प्रतिकूल असर डाला है। इससे न केवल उत्पादन लागत बढ़ी है, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों में भी बाधा आई है।

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में कई कंपनियां श्रमिकों की संख्या घटाने पर विचार कर रही हैं ताकि खर्चों को नियंत्रित किया जा सके। यह कदम स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों पर भी प्रभाव डाल सकता है।

राज्य उद्योग विभाग ने कहा है कि उद्योगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार व्यापारियों और उद्योगपतियों के साथ मिलकर समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। साथ ही, कंपनियों से अपील की गई है कि वे श्रमिकों की छंटनी से बचने के लिए वैकल्पिक उपाय तलाशें।

आर्थिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि पाबंदी लंबे समय तक जारी रही, तो छोटे और मध्यम उद्योगों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा और राज्य की आर्थिक गतिविधियों में मंदी आ सकती है।

ग्रैप-4 पाबंदी का यह असर राजस्थान में रोजगार, उत्पादन और व्यापारिक संतुलन को चुनौती दे रहा है। उद्योगों के लिए यह समय सरकार और व्यापारिक समुदाय के बीच सहयोग और रणनीति बनाने का है, ताकि संकट के बावजूद रोजगार और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखा जा सके।