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तेंदुआ दर्शन का असली रोमांच चाहिए तो जरूर जाएं जयपुर की झालाना सफारी, वीडियो में जानें सही समय और बेस्ट व्यू पॉइंट्स

तेंदुआ दर्शन का असली रोमांच चाहिए तो जरूर जाएं जयपुर की झालाना सफारी, वीडियो में जानें सही समय और बेस्ट व्यू पॉइंट्स
 
तेंदुआ दर्शन का असली रोमांच चाहिए तो जरूर जाएं जयपुर की झालाना सफारी, वीडियो में जानें सही समय और बेस्ट व्यू पॉइंट्स

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित झालाना लेपर्ड सफारी इन दिनों वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय हो रही है। अरावली की पहाड़ियों से घिरे इस क्षेत्र में तेंदुए (Leopard) के रोमांचकारी दर्शन का अनुभव, एक ऐसी यादगार यात्रा बन जाता है जिसे भूल पाना मुश्किल है। खास बात यह है कि यहां बिना किसी बाड़ या सीमा के, तेंदुए बिल्कुल खुले जंगल में विचरण करते हैं और एक प्रशिक्षित गाइड की मदद से उन्हें उनके प्राकृतिक वातावरण में निहारना एक अनोखा अनुभव होता है।

तेंदुआ दर्शन का असली रोमांच
झालाना को पहले सिर्फ एक संरक्षित वन क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह एक व्यवस्थित सफारी ज़ोन बन चुका है, जहां 50 से अधिक तेंदुए दर्ज हैं, जिनमें कई स्थायी रूप से इस क्षेत्र में निवास करते हैं। यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण तेंदुए का ‘लाइव दर्शन’ है – वो भी बिना किसी कैद या पिंजरे के। हालांकि तेंदुए स्वभाव से शर्मीले और छुपकर रहने वाले शिकारी होते हैं, फिर भी झालाना में तेंदुए दिखने की संभावना 60-70% तक होती है, जो कि देश के अन्य सफारी स्थलों की तुलना में काफी अधिक है।

कब जाएं झालाना?
तेंदुआ देखने के लिए सबसे उपयुक्त समय सुबह और शाम का होता है। सामान्यतः दो टाइम स्लॉट्स में सफारी आयोजित की जाती है –
सुबह: 6:15 AM – 9:15 AM
शाम: 3:30 PM – 6:15 PM

इन समयों पर तेंदुए शिकार की तलाश में या पानी पीने के लिए सक्रिय होते हैं और ऐसे में उनके दिखने की संभावना काफी बढ़ जाती है। गर्मी के मौसम (मार्च से जून) में तेंदुए अक्सर जल स्रोतों के पास नजर आते हैं, जबकि सर्दियों में (नवंबर से फरवरी) सूरज की धूप सेकते हुए दिख जाना आम बात है।

कैसे करें सफारी की बुकिंग?
झालाना सफारी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा राजस्थान वन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। हर सफारी में सीमित जीप्स (Gypsys) ही प्रवेश कर सकती हैं, इसलिए वीकेंड या छुट्टियों के दौरान पहले से बुकिंग करना जरूरी होता है। सफारी का शुल्क भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग होता है, जिसमें गाइड और वाहन की लागत शामिल होती है।

किन बातों का रखें ध्यान?
तेंदुए देखने के लिए शांति और धैर्य सबसे जरूरी है। तेज आवाज, मोबाइल फ्लैश या वाहन से उतरने की कोशिश न करें।
बाइनोक्यूलर और कैमरा साथ रखें, लेकिन फ्लैश का उपयोग न करें।
हल्के रंग के कपड़े पहनना और सुगंधित परफ्यूम से बचना फायदेमंद होता है।
गाइड की बातों का पालन करें, क्योंकि वही क्षेत्र के व्यवहार और जानवरों की गतिविधियों को बेहतर समझते हैं।

तेंदुए के अलावा भी है बहुत कुछ
झालाना सिर्फ तेंदुए ही नहीं, बल्कि सांभर, नेवले, सियार, नीलगाय, और 150 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षियों का भी घर है। पक्षी प्रेमियों के लिए यह एक बेहतरीन स्थल है जहां पेंटेड स्टॉर्क, मोर, उल्लू, बाज जैसे पक्षियों को उनके प्राकृतिक रूप में देखा जा सकता है।