सिर्फ ब्रह्मा मंदिर पुष्कर जाए तो इन 5 ऐतिहासिक मंदिरों में भी जरूर करे दर्शन, वीडियो में जाने कौन-कौन से है ये पवित्र स्थल
राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर नगर को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। जहां एक ओर यहां स्थित ब्रह्मा मंदिर को विश्व का एकमात्र ब्रह्मा मंदिर होने का गौरव प्राप्त है, वहीं दूसरी ओर यहां कई अन्य धार्मिक स्थल और मंदिर भी हैं जो अपनी ऐतिहासिकता, आध्यात्मिक ऊर्जा और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध हैं। अक्सर लोग ब्रह्मा मंदिर के दर्शन तक ही सीमित रह जाते हैं, लेकिन पुष्कर में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जो परिवार सहित दर्शन के लिए अत्यंत उपयुक्त और शांति से भरपूर अनुभव प्रदान करते हैं।
ब्रह्मा मंदिर से आगे की धार्मिक यात्रा
पुष्कर झील के किनारे स्थित ब्रह्मा मंदिर एक दिव्य स्थल है जहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु ब्रह्मा जी के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन यह स्थान सिर्फ एक मंदिर तक सीमित नहीं है। यहां ऐसे कई अन्य मंदिर हैं, जो धर्म, संस्कृति और अध्यात्म के संगम स्थल हैं। ये मंदिर न केवल धार्मिक भावनाओं को पोषित करते हैं बल्कि पारिवारिक यात्रा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
1. सावित्री माता मंदिर – एक मां की तपस्या का प्रतीक
ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री माता को समर्पित यह मंदिर पुष्कर की एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे परिवार के साथ यहां जाना और भी आसान हो जाता है। मंदिर से पुष्कर झील और आसपास की घाटियों का जो विहंगम दृश्य दिखाई देता है, वह आत्मा को भी शांति से भर देता है।
2. वराह मंदिर – भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित
वराह मंदिर पुष्कर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है, जहां भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह (सूअर रूप) की पूजा होती है। यह मंदिर विशेष रूप से वास्तुकला प्रेमियों और धर्म में रुचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र है। परिवार के साथ यहां आने से बच्चों को पौराणिक गाथाओं को समझने का अवसर भी मिलता है।
3. रंगजी मंदिर – दक्षिण भारतीय स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण
रंगजी मंदिर पुष्कर में स्थित एक अद्वितीय मंदिर है जो भगवान रंगनाथ (विष्णु के रूप) को समर्पित है। इसकी विशेषता इसकी दक्षिण भारतीय शैली में बनी ऊंची गोपुरम (मीनार) है। यह मंदिर पुष्कर के धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है, जहां उत्तर और दक्षिण भारत की पूजा पद्धति का संगम देखा जा सकता है।
4. अतेश्वर महादेव मंदिर – शिवभक्तों के लिए दिव्यता का स्रोत
पुष्कर आने वाले शिव भक्तों के लिए अतेश्वर महादेव मंदिर भी विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर कम प्रसिद्ध है, लेकिन इसकी ऊर्जा और शांत वातावरण मन को स्थिर कर देता है। यहां परिवार सहित पूजा करना मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
5. गौतम ऋषि मंदिर – एक ऋषि की तपोभूमि
पुष्कर को पवित्र बनाने में गौतम ऋषि का भी महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। उनसे संबंधित यह मंदिर दर्शाता है कि यह स्थान केवल देवताओं की पूजा का नहीं, बल्कि ऋषियों की साधना भूमि भी रहा है। पारिवारिक रूप से यहां आना, बच्चों को भारतीय दर्शन और ऋषि परंपरा से अवगत कराता है।
