जयपुर जंतर-मंतर घूमने का बना रहे है प्लान, तो 3 मिनट के इस धांसू वीडियो में जाने सही समय, एंट्री फीस और रहस्यमयी यंत्रों के बारे में

राजस्थान की राजधानी जयपुर ऐतिहासिक धरोहरों और अद्भुत स्थापत्य कला के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां मौजूद हर किला, महल और स्मारक राजपूताना गौरव की गवाही देता है। लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा स्थान भी है जो विज्ञान, गणित और खगोलशास्त्र की अनोखी झलक प्रस्तुत करता है—जंतर-मंतर। अगर आप जयपुर की सैर पर निकलने का मन बना रहे हैं, तो इस ऐतिहासिक धरोहर को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें। लेकिन जाने से पहले इस जगह के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है, ताकि आपकी यात्रा न सिर्फ यादगार रहे बल्कि समय और पैसे की बचत भी हो।
जंतर-मंतर क्या है?
जंतर-मंतर एक खगोलीय वेधशाला (Observatory) है जिसे महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1728 से 1734 के बीच बनवाया था। यह पांच जंतर-मंतरों में सबसे बड़ा और सबसे अच्छी स्थिति में संरक्षित वेधशाला है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर (World Heritage Site) के रूप में मान्यता दी है। यहां कुल 19 खगोलीय यंत्र हैं जो सूर्य की गति, ग्रहों की स्थिति, समय की गणना और नक्षत्रों की चाल को मापने के लिए बनाए गए थे।
क्यों खास है जयपुर का जंतर-मंतर?
जयपुर का जंतर-मंतर विश्व का सबसे बड़ा पत्थर से बना सूर्य घड़ी (Sundial) यंत्र रखता है, जिसे ‘सम्राट यंत्र’ कहा जाता है। इसकी सटीकता इतनी अधिक है कि यह सौर समय को मात्र 2 सेकंड के अंतर से बता सकता है। यहां ‘जयप्रकाश यंत्र’, ‘नाड़ी वलय यंत्र’, ‘कृन्तिवृत्त यंत्र’ जैसे उपकरण हैं जो आज भी खगोलविदों और वैज्ञानिकों को आकर्षित करते हैं।इसके अलावा यह स्थान विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और विज्ञान के शौकीनों के लिए भी अत्यंत रोचक है। यहां जाकर आप न सिर्फ इतिहास से जुड़ाव महसूस करेंगे, बल्कि भारतीय खगोलशास्त्र की गहराई और समृद्ध परंपरा को भी समझ पाएंगे।
जंतर-मंतर घूमने का सही समय
जयपुर का मौसम गर्मियों में काफी तीखा होता है और दोपहर के समय सूर्य की सीधी किरणें कुछ असहज कर सकती हैं। इसलिए जंतर-मंतर घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। सर्दियों में मौसम सुहाना होता है और आप बिना किसी परेशानी के यंत्रों को नजदीक से देखकर समझ सकते हैं।अगर आप गर्मियों में ही घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच या शाम 4 बजे के बाद का समय सबसे बढ़िया रहेगा। उस समय धूप कम होती है और भीड़ भी अपेक्षाकृत कम रहती है।
जंतर-मंतर का खुलने और बंद होने का समय
खुलने का समय: सुबह 9:00 बजे
बंद होने का समय: शाम 5:00 बजे
हर दिन खुला रहता है, यानी आप किसी भी दिन यहाँ आ सकते हैं।
टिकट दरें (Ticket Prices)
भारतीय नागरिकों और विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट दरें अलग-अलग हैं:
भारतीय पर्यटक: ₹50 प्रति व्यक्ति
विद्यार्थी (भारतीय): ₹15 प्रति व्यक्ति (स्कूल ID आवश्यक)
विदेशी पर्यटक: ₹200 प्रति व्यक्ति
विद्यार्थी (विदेशी): ₹100 प्रति व्यक्ति
यदि आप कैमरा या मोबाइल से फोटोग्राफी करना चाहते हैं, तो उसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है (₹50 से ₹100 तक)। हालांकि स्मार्टफोन से आमतौर पर फोटोग्राफी की छूट रहती है।
कैसे पहुंचें जंतर-मंतर?
जयपुर शहर के केंद्र में स्थित जंतर-मंतर सिटी पैलेस और हवा महल के पास ही है। आप यहां टैक्सी, ऑटो या ई-रिक्शा से आसानी से पहुंच सकते हैं। जयपुर रेलवे स्टेशन से यह लगभग 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि बस स्टैंड से करीब 3 किलोमीटर दूर है।
आसपास और क्या-क्या देखें?
जब आप जंतर-मंतर घूमने जाएं, तो उसके आसपास के अन्य ऐतिहासिक स्थानों की भी सैर जरूर करें:
सिटी पैलेस – राजसी वैभव का प्रतीक
हवा महल – हवा और रोशनी की अनूठी बनावट वाला महल
जल महल – मान सागर झील के बीच बना सुंदर महल
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम – कलाओं और ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रहालय
इन सभी जगहों तक आप एक ही दिन में जा सकते हैं और एक समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव पा सकते हैं।
अगर आप विज्ञान, वास्तुकला और भारतीय खगोलशास्त्र में रुचि रखते हैं, तो जंतर-मंतर आपकी जयपुर यात्रा का एक अनमोल हिस्सा बन सकता है। यह न सिर्फ ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आज भी इस बात की गवाही देता है कि भारत प्राचीन काल में कितनी वैज्ञानिक दृष्टि से उन्नत था। यहां का हर यंत्र आपको सोचने पर मजबूर कर देगा कि बिना किसी आधुनिक तकनीक के कैसे इतनी सटीक गणनाएं संभव थीं।