Jaipur अपात्र व्यक्ति ने भर्ती परीक्षा का फॉर्म भरा तो एफआईआर दर्ज होगी
पात्र अभ्यर्थियों को बेवजह होना पड़ता है परेशान
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया- बोर्ड की ओर आयोजित भर्ती परीक्षाओं में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी गलत दस्तावेज और सर्टिफिकेट के आधार पर आवेदन करते हैं। रिटन (लिखित) एग्जाम में इन अपात्र अभ्यर्थियों का सिलेक्शन भी हो जाता है। जबकि पात्र अभ्यर्थियों का पहली लिस्ट में सिलेक्शन नहीं हो पाता है। उनको बेवजह परेशान होना पड़ता है। जब डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है, तब अपात्र अभ्यर्थियों की जानकारी मिलती है। ऑनलाइन फॉर्म भरते समय ये अभ्यर्थी फर्जी तरीके से गलत सर्टिफिकेट अपलोड कर देते हैं। जब डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के दौरान संबंधित कॉलेज, स्कूल या फिर संस्थान से उसे वेरिफाई किया जाता है, तब उसकी असलियत का पता चलती है। इसकी वजह से वे अयोग्य घोषित हो जाते हैं।
पहले डिबार किया, अब कानूनी कार्रवाई होगी
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया- पिछले 2 साल में कर्मचारी चयन बोर्ड ने ऐसे तीन हजार से ज्यादा अपात्र स्टूडेंट्स को डिबार किया है। पहले इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती थी, इसलिए इन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता था। इस बार कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया- भर्ती परीक्षा के आयोजन से पहले ही बोर्ड ने गलत दस्तावेज के साथ आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अपना नाम वापस लेने के लिए एक बार फिर मौका दिया है। अगर इसके बाद भी कोई अभ्यर्थी गलत दस्तावेज के आधार पर भर्ती परीक्षा में शामिल होगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इनके खिलाफ पुलिस में धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
6500 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने वापस लिया था अपना आवेदन
इससे पहले बोर्ड ने अयोग्य अभ्यर्थियों को अपना नाम वापस लेने का वक्त दिया था। उस समय 26 अप्रैल से 2 मई तक 6,500 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने अपना आवेदन फॉर्म वापस ले लिया था। अब बोर्ड ने 14 मई तक अभ्यर्थियों को फिर से मौका दिया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 10 भर्तियों की विज्ञप्ति में संशोधन जारी किया है। इनमें पशु परिचर, पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता, छात्रावास अधीक्षक ग्रेड द्वितीय, पर्यवेक्षक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, छात्रावास अधीक्षक अल्पसंख्यक मामलात, पर्यवेक्षक महिला, लिपिक ग्रेड द्वितीय कनिष्ठ सहायक, शीघ्र लिपिक, कनिष्ठ अनुदेशक (4 ट्रेड) और कनिष्ठ अनुदेशक (16 ट्रेड) भर्ती शामिल है। इन 10 भर्तियों में 26 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। बता दें कि इससे पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कॉलेज व्याख्याता भर्ती में भी ऐसे अयोग्य अभ्यर्थियों की पहचान कर उन्हें आवेदन वापस लेने का मौका दिया था। इसके बाद कर्मचारी चयन आयोग अपनी हर भर्ती में इस तरह का प्रावधान लागू कर रहा है।