आवश्यकता पड़ने पर इस आर्मी बेस एरिया में बदला जाएगा राजस्थान का ये एक्सप्रेस-वे, पाकिस्तान से है 40KM की दूरी

भारतमाला एक्सप्रेसवे का अगड़ावा क्षेत्र युद्ध की स्थिति में जरूरत पड़ने पर सेना के लिए महत्वपूर्ण बेस स्टेशन बन जाएगा। 9 सितंबर 2021 को यहां हवाई पट्टी बनाई गई और भारतीय वायुसेना के तमाम लड़ाकू विमान और जेट विमानों ने यहां गरज-तड़के लगाए।
अगड़ावा से महज 40 किमी दूर है पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र
1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बाद अगड़ावा क्षेत्र को महत्वपूर्ण सैन्य क्षेत्र के रूप में स्थापित करने के इरादे से हवाई पट्टी क्षेत्र तैयार किया गया था। अगड़ावा अब बाड़मेर जिले और गुजरात के भुज एयर बेस के बीच के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जिसे केंद्र सरकार ने आपातकाल के लिए तैयार किया था। आपको बता दें कि अगड़ावा से पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र महज 40 किमी दूर है। अगड़ावा हवाई पट्टी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और भविष्य में युद्ध की स्थिति में अतिरिक्त विकल्प के रूप में मौजूद रहेगी।
हवाई पट्टी का ट्रायल हो चुका है
जालोर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों से गुजरने वाला जामनगर-अमृतसर एक्सप्रेसवे भी खास है। अगड़ावा की परिधि 3 किलोमीटर से अधिक है, जिसका उपयोग युद्ध की स्थिति में हवाई पट्टी के रूप में किया जा सकता है। 9 सितंबर 2021 को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में अगड़ावा हवाई पट्टी का ट्रायल किया जा चुका है।
संसाधनों से लैस आपातकालीन हवाई पट्टी
बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा पर अगड़ावा में बनी आपातकालीन हवाई पट्टी वायुसेना के आपातकालीन उपयोग के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह हवाई पट्टी 3 किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। हवाई पट्टी के दोनों छोर पर 40 x 180 मीटर आकार की दो पार्किंग भी बनाई गई हैं, ताकि विमानों को उतरने के बाद पार्क किया जा सके।
सड़क संपर्क भी बेहतर, कभी भी पहुंच सकते हैं
राजस्थान में 637 किलोमीटर, गुजरात में 380 किलोमीटर, पंजाब में 155 किलोमीटर और हरियाणा में 85 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे गुजरता है, जो बेहतर संपर्क सुविधा भी प्रदान करता है। आपातकालीन स्थिति में सभी क्षेत्रों से सड़क मार्ग से सुगम आवागमन का विकल्प भी इस एक्सप्रेसवे पर उपलब्ध है।
ये विमान 2021 में अगडावा में उतरे थे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी खुद वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमान से पहुंचे थे। जगुआर, सुखोई-30, एएम-32 ने यहां पट्टी क्षेत्र में उड़ान भरी थी। सेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी यहां उतर चुके हैं।