Banswara में तस्करी की आशंका में गो रक्षकों ने सैकड़ों गोवंश से भरे ट्रक रुकवाए, सांसद ने लगाए गंभीर

जिले में बड़े पैमाने पर मवेशियों की तस्करी की आशंका के चलते गौरक्षकों ने कल देर रात कई ट्रकों को रोक लिया। मध्य प्रदेश सीमा पर रोके गए इन 52 ट्रकों में 350 से अधिक मवेशी थे। बाद में इन पशुओं को बांसवाड़ा जिले की विभिन्न गौशालाओं में लाया गया, जहां उनके चारे-पानी की व्यवस्था की गई।
बताया जा रहा है कि इन पशुओं को नागौर के मेरता में आयोजित बलदेव पशु मेले से लाया जा रहा था और पुलिस सुरक्षा में मध्य प्रदेश ले जाया जा रहा था। हालांकि, गौरक्षा कार्यकर्ता वैध दस्तावेजों के बिना गायों के परिवहन की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
सूचना मिलते ही जिले में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और गौरक्षा कार्यकर्ता सक्रिय हो गए और रात में विभिन्न स्थानों पर ट्रकों को रोक लिया। ट्रकों में बड़ी संख्या में मवेशी देखकर मजदूर भड़क गए।
जब पुलिस को सूचना मिली कि मेले से पशुओं को लाकर मध्य प्रदेश ले जाया जा रहा है तो उन्होंने सुरक्षा कारणों से ट्रकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन जब ट्रक मध्य प्रदेश की सीमा पर पहुंचे तो वहां के अधिकारियों ने उन्हें राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण सभी ट्रकों को वापस लाया गया और मवेशियों को बांसवाड़ा की गौशालाओं में उतार दिया गया।
गौरक्षा समिति से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि अगर मेले से लौटने से संबंधित दस्तावेज थे तो मध्य प्रदेश पुलिस ने ट्रकों को क्यों रोका? इससे संदेह पैदा होता है और इसकी गहन जांच की आवश्यकता है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन पशुओं की तस्करी की जा रही थी।
इस बीच, बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने इस मामले में राजस्थान सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उक्त सड़क बांसवाड़ा से होकर नहीं गुजरती है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि पशुओं को बूचड़खाने ले जाया जा रहा था और राज्य सरकार इसमें शामिल लोगों को संरक्षण दे रही है।
साध्वी माही दीदी ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बार-बार बयान बदलने से संदेह गहरा रहा है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।