रोजगार मेले में युवाओं की भारी भीड़, लेकिन कम वेतन ने बढ़ाई निराशा
शहर में आयोजित रोजगार मेले में बड़ी संख्या में युवा रोजगार की उम्मीद लेकर पहुंचे, लेकिन प्रस्तावित वेतन ने उनकी उम्मीदों को झटका दे दिया। मेले में पहुंचे युवाओं में करीब 70 फीसदी ऐसे थे, जो 10वीं, 12वीं, आईटीआई और बीए जैसी शैक्षणिक योग्यताएं रखते थे। जब इन युवाओं को 12 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी का प्रस्ताव मिला, तो वे वेतन सुनकर मायूस नजर आए।
जानकारी के अनुसार, रोजगार मेले का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी के अवसर उपलब्ध कराना था। इसके लिए विभिन्न कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए और मौके पर ही साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी की। सुबह से ही मेले में युवाओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। युवा पूरे उत्साह के साथ अपने दस्तावेज और बायोडाटा लेकर पहुंचे थे, लेकिन साक्षात्कार के बाद जब वेतन की बात सामने आई, तो कई युवाओं के चेहरे उतर गए।
मेले में केवल 10वीं-12वीं पास ही नहीं, बल्कि स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, आईटीआई, नर्सिंग और पॉलिटेक्निक जैसी विभिन्न योग्यताओं वाले युवा भी पहुंचे थे। उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं का कहना था कि इतनी पढ़ाई और प्रशिक्षण के बाद 12 से 15 हजार रुपये का वेतन उनकी जरूरतों और मेहनत के अनुरूप नहीं है। कई युवाओं ने बताया कि मौजूदा महंगाई के दौर में इस वेतन में परिवार का खर्च और भविष्य की योजनाएं पूरी करना मुश्किल है।
कुछ युवाओं ने यह भी कहा कि कंपनियां अनुभव की मांग तो करती हैं, लेकिन शुरुआती वेतन बेहद कम रखती हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों से आए युवाओं का कहना था कि वे रोजगार की तलाश में शहर तक पहुंचे, लेकिन उम्मीद के मुताबिक अवसर नहीं मिले। हालांकि, कुछ युवाओं ने इसे करियर की शुरुआत मानते हुए नौकरी स्वीकार करने की बात भी कही।
कंपनी प्रतिनिधियों का कहना था कि शुरुआती स्तर पर वेतन सीमित रखा जाता है, लेकिन अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर भविष्य में वेतन बढ़ाया जाता है। उनका यह भी कहना था कि रोजगार मेले का मकसद युवाओं को कम से कम एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है, जहां वे सीधे कंपनियों से जुड़ सकें।
रोजगार मेले में उमड़ी भीड़ यह दिखाती है कि युवाओं में काम करने की इच्छा और जरूरत दोनों है, लेकिन कम वेतन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि युवाओं की योग्यता के अनुरूप वेतन और बेहतर कार्य स्थितियां उपलब्ध कराई जाएं, तो ऐसे रोजगार मेले वास्तव में बेरोजगारी कम करने में कारगर साबित हो सकते हैं।
