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राजस्थान में बिना रेरा पंजीकरण बिक रहे मकान-भूखंड, सख्ती के बाद दोगुना हुए रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट

राजस्थान में बिना रेरा पंजीकरण बिक रहे मकान-भूखंड, सख्ती के बाद दोगुना हुए रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट
 
राजस्थान में बिना रेरा पंजीकरण बिक रहे मकान-भूखंड, सख्ती के बाद दोगुना हुए रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट

राजस्थान के शहरों में रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। बिना रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) रजिस्ट्रेशन के ही मकान और भू-खंड बेचने के कई मामले उजागर हुए हैं। ऐसे मामलों में आम लोग सबसे ज्यादा फंस रहे हैं और उनकी जीवनभर की जमा पूंजी जोखिम में पड़ रही है। रेरा की सख्ती के बाद अब इस अव्यवस्था की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है।

जानकारी के अनुसार, जब रेरा ने बिना पंजीकरण परियोजनाएं संचालित करने वाले बिल्डरों और डवलपर्स पर कार्रवाई तेज की, तो बड़ी संख्या में ऐसे प्रोजेक्ट सामने आए जो नियमों को ताक पर रखकर पहले ही बाजार में उतार दिए गए थे। सख्ती का असर यह रहा कि पिछले वर्ष जहां कुल 566 प्रोजेक्ट का रेरा में रजिस्ट्रेशन कराया गया था, वहीं इस वर्ष अब तक यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 1134 तक पहुंच गई है।

इनमें से अधिकांश वे बिल्डर और डवलपर्स हैं, जिन्होंने तय प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के ही अपनी आवासीय योजनाएं शुरू कर दी थीं और मकान या प्लॉट की बिक्री भी कर डाली थी। रेरा के नियमों के अनुसार, किसी भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को बेचने या उसका प्रचार करने से पहले उसका पंजीकरण अनिवार्य है, लेकिन इसके बावजूद नियमों की अनदेखी की गई।

रेरा की जांच और कार्रवाई के दौरान सामने आया कि कई प्रोजेक्ट में खरीदारों को न तो सही जानकारी दी गई और न ही तय समय पर सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं। ऐसे मामलों में रेरा ने संबंधित बिल्डरों पर सख्त रुख अपनाते हुए 3 करोड़ रुपये से अधिक की पेनल्टी वसूली है। इसके अलावा, कुछ प्रोजेक्ट ऐसे भी हैं जिनका रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।

रेरा अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है। बिना पंजीकरण के प्रोजेक्ट में निवेश करने पर खरीदार कानूनी सुरक्षा से वंचित रह जाते हैं, जिससे धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए रेरा लगातार ऐसे बिल्डरों पर नजर रखे हुए है और आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि रेरा की सख्ती से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और भरोसेमंद बिल्डरों को फायदा मिलेगा। साथ ही आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है कि वे किसी भी मकान या भू-खंड की खरीद से पहले रेरा पंजीकरण की जांच जरूर करें।