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Bikaner में एक-दूसरे का मजाक उड़ाकर मनाई जाती है होली, 300 साल पुरानी है परंपरा, जानें कैस हुई शुरू

Bikaner में एक-दूसरे का मजाक उड़ाकर मनाई जाती है होली, 300 साल पुरानी है परंपरा, जानें कैस हुई शुरू
 
Bikaner में एक-दूसरे का मजाक उड़ाकर मनाई जाती है होली, 300 साल पुरानी है परंपरा, जानें कैस हुई शुरू

होली से पहले ही राजस्थान के बीकानेर में होली प्रेमियों के बीच होली का रंग चरम पर है। इस अवसर पर लड़के लड़कियों की तरह कपड़े पहनते हैं और खूब शोर मचाते हैं। शहर की सड़कों पर हर जगह आप होली के शौकीनों को होली के आनंद, उत्साह और खुशी के रंग में रंगे हुए देख सकते हैं। राजस्थान के बीकानेर में होली आज भी 300 साल पुरानी अनोखी परंपरा के साथ मनाई जाती है। यहां होली की शुरुआत मस्ती से होती है। रम्मत का अर्थ है खेल।

गायन के माध्यम से संवाद 
रम्मत लोक रंगमंच की सदियों पुरानी परंपरा है, जिसमें इसके पात्र गीत के माध्यम से संवाद करते हैं। मस्ती की शुरुआत 'फक्कड़ डाटा' के मजे से होती है। यह मनोरंजक प्रदर्शन देर रात शुरू होता है और सुबह सूर्योदय तक चलता रहता है। आज भी अभिनेता नाटक की रिहर्सल की तैयारी दो महीने पहले से शुरू कर देते हैं। वे रम्मत का अध्ययन करते हैं और अपने श्रृंगार और श्रृंगार का भी ध्यान रखते हैं। उनकी पोशाक भी वही है जो 300 साल पहले थी। पुरुष महिला होने का दिखावा करते हैं। पहले वे अपने चरित्र के अनुसार पोशाक पहनते हैं और फिर भगवान शिव की पूजा करने के बाद मंच पर प्रवेश करते हैं।

भगवान कृष्ण और शिव के भजन गाएं
रम्मत में शुरू से अंत तक प्रत्येक कलाकार ढोल की थाप पर गाकर अपनी प्रस्तुति देता है। विशेषकर रम्मत में पात्र भगवान का रूप धारण करते हैं, लोगों की उनमें बड़ी आस्था होती है। सबसे पहले मंच से गणेश स्तुति का पाठ किया जाता है। इसके बाद भगवान कृष्ण और शिव के भजन गाए जाते हैं। रम्मत का मुख्य आकर्षण ख्याल गीत है, जिसमें गीत और नृत्य के माध्यम से आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं दी जाती हैं। इसमें हास्य, कल्पना और बुद्धि के सहारे गीत व्यक्ति, समाज, परिवार और राष्ट्र पर व्यंग्य करता है। रम्मत सत्र रात्रि 8 बजे शुरू होकर प्रातः 4 बजे तक चलता है। प्रत्येक कलाकार मंच पर एक विशिष्ट शैली में गाता है।

लोग पूरे आठ दिनों तक होली के रंगों में रंगे रहते
रम्मत में कोरस गायन भी महत्वपूर्ण है, जिसमें मंच पर, मंच के पीछे और मंच के सामने खड़े लोग भी कलाकारों के साथ गाते हैं। एक स्वर में गाने का आनंद होली के रंगों को और बढ़ा देता है। होली के उल्लास में डूबे होली प्रेमी पूरे आठ दिनों तक अलग-अलग वेशभूषा में शहर में घूमते हैं। रम्मत देखने के लिए दूर-दूर से हजारों लोग आते हैं और रम्मत का यह दौर पूरे एक सप्ताह तक चलता है।